महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न मामला- 'प्रारंभिक जांच की जरूरत है लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट निर्देश दे तो एफआईआर दर्ज करेंगे': दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से कहा
भारतीय कुश्ती संघ यानी WFI। इसके अध्यक्ष हैं बृजभूषण शरण सिंह। वो भाजपा सांसद भी हैं। इन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय पहलवान धरना दे रहे हैं। पहलवानों का कहना है कि शिकायत मिल जाने के बाद भी दिल्ली पुलिस इस मामले में FIR दर्ज नहीं कर रही है। इस वजह से महिला रेसलर्स ने FIR दर्ज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। महिला पहलवानों की याचिका पर दिल्ली पुलिस की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आज सुप्रीम कोर्ट से कहा कि FIR दर्ज करने से पहले कुछ प्राथमिक जांच की ज़रूरत है।
सॉलिसिटर जनरल ने ये भी कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट निर्देश देती है, तो वो FIR दर्ज करने के लिए तैयार हैं।
पहलवान विनेश फोगाट समेत सात महिला पहलवानों ने याचिका दायर कर मांग की है कि कुश्ती महासंघ अघ्यक्ष ब्रजभूशण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की जाए। पहलवानों ने कहा कि उन्होंने 21 अप्रैल को कनॉट प्लेस थाने में शिकायत दी थी, लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
पहलवानों की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में मेंशन किया था। उन्होंने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से कहा कि पहलवान प्रदर्शन कर रहे हैं। 7 महिला पहलवानों ने शिकायत की है। पुलिस FIR दर्ज करने को तैयार नहीं है। बृजभूषण के खिलाफ POCSO के आरोप लगाए गए हैं।
सिब्बल ने कोर्ट में ये भी कहा कि कमेटी रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई है। आगे कहा कि इस तरह के अपराध पर FIR दर्ज नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों पर भी मुकदमा चलाया जाना चाहिए। सीआरपीसी के सेक्शन 166 A में संसोधन हो चुका है। अब केस दर्ज न करने पर पुलिस पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
तुषार मेहता ने कहा कि मेंशन इसलिए किया गया ताकि ऐसा न लगे कि सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया, फिर भी तुरंत FIR दर्ज नहीं किया जा रहा है।
इसके बाद सिब्बल ने बताया कि याचिकाकर्ताओं का पक्ष भी एक एडिशनल हलफनामा दायर करेगा।
बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई पहलवान कुश्ती महासंघ अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग कर रहे हैं। पहलवानों का आरोप है कि महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण होता है। इसके साथ ही महासंघ के अध्यक्ष पर तानाशाही और मनमानी करने का भी आरोप लगाया है।