वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और डॉक्टर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, अदालत में TikTok की पैरवी नहीं करेंगे
वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और डॉक्टर अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत में TikTok की पैरवी करने से इनकार कर दिया है।
सिंघवी ने कथित तौर पर एएनआई को बताया,
"मैं TikTok के लिए अदालत में पेश नहीं होऊंगा। मैंने एक साल पहले एक मामले में उनके लिए पैरवी की थी और सुप्रीम कोर्ट में केस जीता था।"
पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भी एएनआई से कहा है कि वह अदालत में TikTok के लिए पेश नहीं होंगे।
बायडेटेंस (इंडिया) टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, जो मोबाइल एप्लिकेशन TikTok की ओनर कंपनी है, उसके लिए सिंघवी ने अदालत में पैरवी की थी, जब मद्रास उच्च न्यायालय के एप्लीकेशन डाउनलोड को प्रतिबंधित करने के आदेश को चुनौती दी गई थी।
कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि वह लोकप्रिय वीडियो ऐप 'TikTok' पर लगाए गए एक तरफा प्रतिबंध के खिलाफ आपत्तियों पर विचार करे। इस आदेश के बाद, मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की और ऐप डाउनलोड पर लगे प्रतिबंधित हटाने का निर्देश दिया।
केंद्र सरकार ने सोमवार को 59 चीनी ऐप को ब्लॉक करने का फैसला किया है, जिसमें टिक टोक, शेयर इट, यूसी ब्राउज़र शामिल हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69 ए सह पठित सूचना प्रौद्योगिकी (प्रासंगिकता और सुरक्षा उपायों को सार्वजनिक रूप से सूचनाओं के अवरोधन के लिए नियम) 2009 के संबंधित प्रावधानों के तहत शक्तियों का आह्वान करते हुए भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा का हवाला देते हुए इन ऐप्स को ब्लॉक करने का फैसला किया।
इन रिपोर्टों के जवाब में, TikTok ने सोशल मीडिया में निम्नलिखित बयान जारी किया था :