'यदि आप मामले में बहस करते हैं तो हम भारी जुर्माना लगायेंगे' : सुप्रीम कोर्ट ने पेट्रोल, डीजल के दाम में वृद्धि को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता से कहा, याचिका वापस

Update: 2020-09-08 07:50 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढोतरी को चुनौती देने वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका उस वक्त वापस ले ली जब न्यायमूर्ति रोहिंगटन फली नरीमन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई को लेकर गहरी अरुचि व्यक्त की।

न्यायमूर्ति नरीमन ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, "क्या आप वाकई मामले में बहस करना चाहते हैं? क्योंकि यदि आप ऐसा करते हैं तो हम आप पर भारी जुर्माना लगायेंगे।"

उसके बाद, केरल के याचिकाकर्ता शाजी कोडनकांडाथ के वकील ने याचिका वापस ले ली।

याचिकाकर्ता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की थी और कहा था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी के बावजूद तेल विपणन कंपनियां लगातार पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें बढ़ाती जा रही हैं।

पूर्व के दृष्टांतों पर अमल करते हुए अदालतें आर्थिक नीतियों से जुड़े वैसे फैसलों की समीक्षा करने से खुद को दूर रखती हैं, जो कार्यपालिका के विशेष अधिकार क्षेत्र में आता है।

जून 2020 में 16 दिन की अवधि में पेट्रोल के दाम 8.30 रुपये प्रति लीटर तक और डीजल के दाम 9.46 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ गये थे, जो अप्रैल 2002 में पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्यों के नियंत्रण मुक्त किये जाने के बाद किसी एक पखवाड़े की सबसे अधिक बढोतरी थी। 

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