बेवजह मामला मेंशन करने पर लगेगा जुर्माना: सीजेआई सूर्यकांत ने दी चेतावनी

Update: 2025-12-11 10:03 GMT

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत ने गुरुवार को वकीलों द्वारा बिना बारी के मामलों का ज़िक्र (Mention) करने पर साफ तौर पर नाराज़गी जताई और कहा कि कोर्ट बेवजह की रिक्वेस्ट पर जुर्माना लगाना शुरू करेगा।

सीजेआई ने ओपन कोर्ट में कहा,

"सोमवार से मैं एक और नोटिफिकेशन जारी करूंगा कि अगर कोई ऐसा ज़िक्र होता है, जो मुझे सही नहीं लगता, तो मैं उसी समय जुर्माना लगाऊंगा।"

उन्होंने चेतावनी दी कि जल्द ही एक सर्कुलर जारी किया जाएगा, जिसमें गलत तरीके से ज़िक्र करने पर कम से कम 50,000 रुपये का जुर्माना तय किया जाएगा।

सीजेआई ने कहा कि जमा की गई रकम का इस्तेमाल युवा वकीलों के लिए एक फंड बनाने और कानूनी पेशेवरों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए किया जाएगा। बार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अनावश्यक ज़िक्र पर जुर्माना लगाने से इस मकसद के लिए फंड जुटाने में मदद मिलेगी।

जस्टिस सूर्यकांत के सीजेआई बनने के तुरंत बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें सीजेआई के सामने प्राथमिकता के आधार पर लिस्टिंग के लिए मामलों का मौखिक ज़िक्र करने पर रोक लगा दी गई।

सर्कुलर के अनुसार, मौखिक ज़िक्र केवल बहुत ज़रूरी मामलों में ही किया जा सकता है, वह भी तय प्रक्रिया का पालन करने के बाद। सर्कुलर में यह भी आश्वासन दिया गया कि अर्जेंट कैटेगरी के मामलों की फाइलिंग के दो दिनों के भीतर ऑटोमैटिक लिस्टिंग हो जाएगी।

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