उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षकों की भर्ती पर SC ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में देने से किया इनकार, भर्तियां कर सकेगी राज्य सरकार

Update: 2020-06-24 10:23 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश के साथ हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के स्कूलों में 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए चयन प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी थी।

न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने याचिकाकर्ता, अमिता त्रिपाठी द्वारा दायर एक विशेष अवकाश याचिका पर सुनवाई करते हुए, उस आदेश के साथ हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसने चयन प्रक्रिया को रोकने एकल पीठ के 3 जून के आदेश पर रोक लगा दी थी।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम आदेश पारित करने का अनुरोध किया। लेकिन पीठ ने कहा कि वो इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ की डिवीजन बेंच के आदेश को चुनौती दी गई गई थी।

न्यायमूर्ति पीके जायसवाल और न्यायमूर्ति डीके सिंह की पीठ ने 12 जून को कहा था कि उच्चतम न्यायालय के 9 जून के आदेश को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार चयन प्रक्रिया को जारी रख सकती है, जिसमें शिक्षा मित्रों के लिए लगभग 37,000 पद रोके गए हैं।

उच्च न्यायालय के एकल-न्यायाधीश पीठ ने 3 जून को शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया था कि वे राज्य सरकार को अपनी आपत्तियां प्रस्तुत करें, जिसके बाद उन्हें एक विशेषज्ञ राय के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भेजा जाएगा।

एकल न्यायाधीश पीठ अमित त्रिपाठी और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं के समूह की सुनवाई कर रही थी जिसमें सहायक शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को चुनौती देते हुए और चयन परीक्षा के प्रश्नों पर आपत्ति जताई थी।

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