सुप्रीम कोर्ट ने सेम-सेक्स मैरिज को मान्यता देने की मांग वाली हाईकोर्ट्स में लंबित याचिकाओं को अपने पास ट्रांसफर किया

Update: 2023-01-06 07:59 GMT

Same Sex Marriage

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सेम-सेक्स मैरिज (Same-Sex Marriage) को मान्यता देने की मांग वाली हाईकोर्ट्स में लंबित याचिकाओं को अपने पास ट्रांसफर किया।

यह मामला चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था।

शुरुआत में, वकीलों ने पीठ को इस तथ्य से अवगत कराया कि मुख्य याचिका के अलावा, कई याचिकाएं हैं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया जाना है। ये याचिकाएं अभी दिल्ली हाईकोर्ट, गुजरात हाईकोर्ट और केरल हाईकोर्ट सहित विभिन्न हाईकोर्ट्स के समक्ष लंबित हैं।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा,

"चूंकि एक ही विषय पर विभिन्न उच्च न्यायालयों के समक्ष कई याचिकाएं लंबित हैं, हम सभी याचिकाओं को इस अदालत के समक्ष ट्रांसफर करने का निर्देश देते हैं। अगर कोई याचिकाकर्ता फिजिकल मोड में पेश नहीं हो सकता, दिल्ली नहीं आ सकता तो वो याचिकाकर्ता वर्चुअल मोड में पेश हो सकते हैं। जो कोई भी इसके लिए पूछेगा, उसे लिंक प्रदान किया जाएगा। केंद्रीय एजेंसियों को नोटिस जारी किया जाता है। 15 फरवरी 2022 तक जवाबी हलफनामा दायर करना होगा। 13 मार्च को निर्देशों के लिए लिस्ट किया जाता है।“

पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट अरुंधति काटजू और यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से एडवोकेट कानू अग्रवाल को नोडल काउंसल नियुक्त किया और उनसे मामले पर मिसाल, दस्तावेजों और विधानों का संकलन तैयार करने का अनुरोध किया।

बैच में सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग द्वारा दायर जनहित याचिका शामिल थी। वे लगभग 10 वर्षों से साथ रह रही हैं और उन्होंने हाल ही में दिसंबर, 2021 में प्रतिबद्धता समारोह रखा था, जहां उनके रिश्ते, माता-पिता, परिवार और दोस्तों ने उन्हें आशीर्वाद दिया था। अब वे चाहते हैं कि उनकी शादी को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत मान्यता दी जाए।

जनहित याचिकाओं के बैच में पार्थ फ़िरोज़ मेहरोत्रा और उदय राज आनंद द्वारा दायर भी एक याचिका शामिल है, जो पिछले 17 वर्षों से एक-दूसरे के साथ रिश्ते में हैं। उनका दावा है कि वे वर्तमान में दो बच्चों की परवरिश एक साथ कर रहे हैं, लेकिन चूंकि वे कानूनी रूप से अपनी शादी को संपन्न नहीं कर सकते हैं, इसके परिणामस्वरूप ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जहां दोनों याचिकाकर्ता अपने दोनों बच्चों के साथ माता-पिता और बच्चे का कानूनी संबंध नहीं रख सकते हैं।

एक अन्य भारतीय नागरिक और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) का नागरिक सेम सैक्स कपल, जिसने 2014 में यूएसए में शादी की और रजिस्टर्ड कराई और अब फॉरेन मैरिज एक्ट, 1969 के तहत अपनी मैरिज रजिस्टर्ड करना चाहता है।

दिल्ली हाईकोर्ट और केरल हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर की मांग करने वाली दो अन्य याचिकाएं भी याचिकाओं के बैच में थीं।

Tags:    

Similar News