होली की छुट्टियों के बाद गुजरात पुलिस की एफआईआर में जमानत की मांग वाली तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता साकेत गोखले की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

Update: 2023-03-03 06:31 GMT

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को होली की छुट्टियों के बाद तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता साकेत गोखले द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया, जिसमें गुजरात उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने क्राउडफंडिंग के माध्यम से एकत्रित फंड की कथित हेराफेरी से संबंधित मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की खंडपीठ ने कहा कि मामला कल देर रात पूरक सूची में सूचीबद्ध हो गया और कहा कि वे इस पर 13 मार्च को सुनवाई करेंगे।

जस्टिस गवई ने गोखले की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी से कहा,

"हमारे पास छुट्टी के तुरंत बाद ये फाइल होगी। यह फाइल देर रात आई, हमारे पास इसे पढ़ने का समय नहीं था।"

उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म 'आवर डेमोक्रेसी' के माध्यम से 1,700 से अधिक लोगों से 72 लाख रुपये से अधिक एकत्र किए और उस पैसे का इस्तेमाल निजी इस्तेमाल के लिए किया और इस तरह, फंड का दुरुपयोग किया।

मामले में प्राथमिकी एक महिला द्वारा दायर शिकायत पर दर्ज की गई थी, जिसने दावा किया था कि उसने गोखले को ऑनलाइन मोड (रेजोरपे) के माध्यम से 500 रुपये दान किए थे। इसके बाद, गोखले पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), और 467 (जालसाजी) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

गोखले की जमानत से इनकार करते हुए जस्टिस समीर जे. दवे की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामला यह है कि कल्याण के नाम पर एकत्र की गई राशि का उपयोग अभियुक्तों द्वारा अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया था।

गोखले ने दावा किया कि उन्हें 6 दिसंबर, 2022 को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जब उन्होंने ट्वीट किया था कि प्रधानमंत्री के मोरबी पुल दुर्घटनास्थल पर जाने से सरकारी खजाने को 30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह "राजनीतिक प्रतिशोध" का मामला है।


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