CBI और ED मामलों में जमानत शर्तों में ढील देने की मनीष सिसोदिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी
सुप्रीम कोर्ट ने शराब नीति मामले के संबंध में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया द्वारा दायर दो विविध आवेदनों पर संक्षिप्त सुनवाई की, जिसमें जमानत शर्तों में ढील देने की मांग की गई।
जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने कहा कि वे अगली तारीख को नोटिस जारी करेंगे और जमानत शर्तों के बारे में स्पष्टीकरण देंगे।
कोर्ट 2 सप्ताह बाद सुनवाई करेगा।
सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने सिसोदिया का प्रतिनिधित्व किया।
शराब नीति मामले में सुनवाई शुरू होने में देरी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 9 अगस्त को CBI और ED दोनों मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका को मंजूरी दी।
जस्टिस गवई और जस्टिस विश्वनाथन की खंडपीठ ने कहा,
"हमें लगता है कि करीब 17 महीने की लंबी कैद और सुनवाई शुरू न होने के कारण अपीलकर्ता को त्वरित सुनवाई के अधिकार से वंचित किया गया।"
जमानत की शर्तों के अनुसार सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार को सुबह 10 से 11 बजे के बीच जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होना होगा।
केस टाइटल: मनीष सिसोदिया बनाम प्रवर्तन निदेशालय, एमए 2344/2024, सीआरएल.ए. नंबर 3295/2024 और मनीष सिसोदिया बनाम केंद्रीय जांच ब्यूरो, एमए 2345/2024, सीआरएल.ए. नंबर 3296/2024