सुप्रीम कोर्ट में रील्स और वीडियोग्राफी पर लगेगा प्रतिबंध: SCBA ने दिया प्रस्ताव
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में वकीलों द्वारा वीडियोग्राफी, 'रील्स' बनाने और सेल्फी लेने जैसी गतिविधियों पर कड़ा रुख अपनाया।
SCBA ने इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर ऐसे कृत्यों पर सख्त कार्रवाई की सिफारिश की। संगठन ने कहा कि इस तरह की हरकतें न सिर्फ संस्था की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं बल्कि यह वकीलों के लिए निर्धारित पेशेवर नैतिकता का भी उल्लंघन है, क्योंकि इसे अप्रत्यक्ष विज्ञापन और प्रचार माना जा सकता है।
SCBA ने सुप्रीम कोर्ट के जनरल सेक्रेटरी को लिखे अपने पत्र में प्रस्ताव दिया कि कोर्ट रूम, गलियारों, लॉबी और अन्य उच्च-सुरक्षा क्षेत्रों में वकीलों के फिल्मांकन, रिकॉर्डिंग, सेल्फी लेने या रील्स बनाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। यह तभी संभव होगा, जब इसके लिए पहले से अधिकारियों से अनुमति ली गई हो। इसके अलावा इस प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कोर्ट परिसर में प्रमुख स्थानों पर चेतावनी के संकेत भी लगाए जाएंगे।
प्रस्ताव में यह भी सुझाव दिया गया कि नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाए। यदि कोई वकील इन नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें चेतावनी पत्र जारी करना और SCBA सदस्यता को निलंबित करना शामिल है। इसके अलावा, SCBA इस तरह के दुर्व्यवहार को संबंधित राज्य बार काउंसिल को भी भेज सकता है ताकि वे उचित कार्रवाई कर सकें।
युवा वकीलों को इन नैतिक और पेशेवर चिंताओं के बारे में शिक्षित करने के लिए SCBA ने बार के सीनियर सदस्यों के मार्गदर्शन में जागरूकता कार्यशालाएं और संवेदीकरण अभियान चलाने का भी प्रस्ताव दिया। SCBA की कार्यकारी समिति ने इस बात पर जोर दिया कि कोर्ट की गरिमा और मर्यादा को बनाए रखने के लिए इस तरह के उपाय आवश्यक हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने भी इसी तरह की चिंताओं को उठाते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) को पत्र लिखा।