सीएम रेड्डी के खिलाफ वीडियो मामले में महिला पत्रकारों को हिरासत में लेने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाई, जिसमें राज्य पुलिस को मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक वीडियो मामले में ज़मानत मिलने के बावजूद दो महिला पत्रकारों को हिरासत में लेने की अनुमति दी गई।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे (याचिकाकर्ता महिला पत्रकारों की ओर से) की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया।
सुनवाई के दौरान, दवे ने तर्क दिया कि ज़मानत रद्द किए बिना ज़मानत मिलने के बाद किसी व्यक्ति को पुलिस हिरासत में लेना स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने दलील दी कि पुलिस किसी आरोपी को जाँच के लिए बुला सकती है, लेकिन ज़मानत अवधि के दौरान उसे हिरासत में नहीं ले सकती।
उनकी बात सुनकर खंडपीठ ने प्रतिवादी राज्य को नोटिस जारी किया।
संक्षेप में मामला
यह मामला सीएम रेवंत रेड्डी के खिलाफ आपत्तिजनक वीडियो से संबंधित है, जो एक्स पर वायरल हुआ था। FIR के अनुसार, इस वीडियो में पल्स टीवी के प्रतिनिधि को व्यक्ति से भड़काऊ सवाल पूछते हुए दिखाया गया, जिसने बाद में सीएम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की।
इन आरोपों के आधार पर याचिकाकर्ताओं (पल्स न्यूज़ के प्रबंध निदेशक और समाचार संवाददाता) पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 67 और धारा 11, 61(2), 352 और 353(2) के तहत मामला दर्ज किया गया।
Case Title: POGADADABNDA REVATHI AND ANR. Versus THE STATE OF TELANGANA, SLP(Crl) No. 16536/2025