सुप्रीम कोर्ट इतिहास में पहली सात-न्यायाधीशों की बेंच लाइव-स्ट्रीम के लिए तैयार
सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ बुधवार (4 अक्टूबर) को 1998 के पीवी नरसिम्हा राव फैसले के संदर्भ पर सुनवाई शुरू करेगी, जिसे पिछले महीने सात न्यायाधीशों की एक बड़ी पीठ ( सीता सोरेन बनाम भारत संघ) को भेजा गया था। पीठ में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल होंगे।
पीवी नरसिम्हा मामले में शीर्ष अदालत की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने माना कि संविधान के अनुच्छेद 105 (2) और 194 (2) द्वारा प्रदत्त संसदीय विशेषाधिकार का आनंद लेते हुए संसद या राज्य विधानसभाओं के सदस्यों को सदन में किसी भी भाषण या वोट से जुड़े रिश्वतखोरी के मामलों में अभियोजन से छूट दी गई थी।
अब एक संवैधानिक पीठ विधायी छूट और रिश्वतखोरी पर इस महत्वपूर्ण फैसले पर फिर से विचार करने के लिए तैयार है, जो 25 वर्षों से अधिक समय से इस क्षेत्र पर काबिज है। दिलचस्प बात यह है कि छह साल में यह पहली बार है कि इतनी ताकत की बेंच इकट्ठी की जा रही है। वर्तमान मामला झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नेता सीता सोरेन के खिलाफ 2012 के राज्यसभा चुनाव के लिए रिश्वत लेने के आरोप से संबंधित है।
आखिरी सात-न्यायाधीशों का फैसला सीएस कर्णन (2017) में दिया गया था, जिसमें तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अगुवाई वाली पीठ ने कलकत्ता हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश सीएस कर्णन को अदालत की अवमानना के लिए छह महीने जेल की सजा सुनाई थी।
पूर्व न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के खिलाफ भ्रष्टाचार और जाति-आधारित भेदभाव के आरोप लगाए थे और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत मुख्य न्यायाधीश और शीर्ष अदालत के छह उप न्यायाधीशों को दोषी ठहराते हुए एक विवादास्पद आदेश पारित किया था।
लेकिन वह सब नहीं है। बुधवार को शुरू होने वाली कार्यवाही शुरू होने से पहले ही इतिहास बन जाने का एक और कारण यह है कि पिछले साल संविधान पीठों की लाइव-स्ट्रीमिंग के लिए शीर्ष अदालत की धुरी के बाद यह पहली सात-न्यायाधीशों की पीठ की सुनवाई है। दूसरे शब्दों में भारतीय सुप्रीम कोर्ट के लंबे इतिहास में यह पहली बार है कि सात-न्यायाधीशों की पीठ की सुनवाई को लाइव स्ट्रीम किया जाएगा, जिससे दुनिया के सभी कोनों से लोग इसे दूर से देख सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सितंबर में तत्कालीन सीजेआई यूयू ललित के कार्यकाल के दौरान संविधान पीठ की सुनवाई की लाइव-स्ट्रीमिंग शुरू की थी, लेकिन अब तक की सभी सुनवाई 5-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष हुई हैं।
राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में चौबीस 7-न्यायाधीशों की पीठ के मामले लंबित हैं।