सुप्रीम कोर्ट ने इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत दावा करने के मामले में 70 लाख रुपये जमा करने की जमानत शर्त रद्द की

Update: 2023-01-27 05:57 GMT

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत दावा करने के मामले में हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई 70 लाख रुपये जमा करने की जमानत शर्त रद्द की।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि जीएसटी अधिनियम के तहत आईटीसी के गलत लाभ के संबंध में कोई अंतिम आकलन नहीं था। इसलिए, यह नहीं माना जा सकता है कि अपीलकर्ता राशि का भुगतान करने के लिए कानूनी बाध्यता के तहत है।

भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने निष्पक्ष रूप से कहा कि जमानत देते समय ऐसी शर्त नहीं लगाई जा सकती। इन कारकों पर विचार करते हुए जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने जमानत की शर्त को रद्द कर दिया।

अपीलकर्ता ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा पारित 21 जून, 2022 के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें अपीलकर्ता को शर्तों के अधीन जमानत दी गई थी। शर्तों में यह थी कि अपीलकर्ता अपनी रिहाई की तारीख से 45 दिनों के भीतर प्रधान आयुक्त, सीजीएसटी, रायपुर के पक्ष में 70 लाख रुपए की राशि जमा करेगा।

अपीलकर्ता ने तर्क दिया कि रिहाई की तारीख से 45 दिनों के भीतर 70 लाख जमानत के लिए एक पूर्व शर्त टिकाऊ नहीं है क्योंकि पहली सूचना रिपोर्ट गलत तरीके से 6,95,32,472 रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने के संबंध में थी।

केस टाइटल: सुभाष चौहान बनाम भारत संघ

केस साइटेशन: 2023 लाइवलॉ (एससी) 61

अपीलकर्ता के वकील: एओआर हिमांशु त्यागी

प्रतिवादी के वकील: ए.एस.जी. के.एम. नटराज

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