सुप्रीम कोर्ट ने लैंड पूलिंग और ग्रीन डेवलपमेंट एरिया पॉलिसी के तत्काल क्रियान्वयन की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की

Update: 2024-11-13 15:14 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में लैंड पूलिंग और ग्रीन डेवलपमेंट एरिया पॉलिसी के क्रियान्वयन की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली के अधिकारियों को नोटिस जारी किया।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने आदेश पारित करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल, दिल्ली सरकार, डीडीए और अन्य से जवाब मांगा।

सीनियर एडवोकेट अभिनव मुखर्जी याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए। उन्होंने तर्क दिया कि यदि विषयगत नीतियों को लागू किया जाता है तो उचित प्लॉटेड विकास, बुनियादी ढांचा, हरित क्षेत्र और गांवों का शहरीकरण होगा।

उन्होंने आग्रह किया,

"आज जो हो रहा है, क्योंकि सरकार बैठी है और कुछ नहीं कर रही है। हमारे पास ऐसे मामले हैं, जहां लोग अनधिकृत कॉलोनियां बना रहे हैं, बिल्डर इन जमीनों को औने-पौने दामों पर ले रहे हैं। हम कृषक हैं, जो अब भूजल मुद्दों, मिट्टी के मुद्दों आदि के कारण इन जमीनों पर खेती नहीं कर सकते हैं। हमें DDA द्वारा शहरी क्षेत्र घोषित किया गया।"

बता दें, यह जनहित याचिका दिल्ली देहात विकास मंच द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में शहरी और पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए दायर की गई। इसमें मास्टर प्लान 2021 और ड्राफ्ट मास्टर प्लान 2041 में उल्लिखित लैंड पूलिंग पॉलिसी और ग्रीन डेवलपमेंट एरिया (GDA) पॉलिसी, जिसे पहले LDRA कहा जाता था, के तत्काल और समयबद्ध कार्यान्वयन की मांग की गई।

याचिका में इन नीतियों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए विशेषज्ञ समिति की स्थापना की मांग की गई। प्रस्तावित समिति में याचिकाकर्ता-सोसायटी सहित सभी संबंधित हितधारकों के प्रतिनिधियों को शामिल करने का सुझाव दिया गया।

केस टाइटल: दिल्ली देहात विकास मंच बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य, डायरी नंबर 40060-2024

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