मेंटल हेल्थकेयर के लिए ट्रांसफर की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने IIT खड़गपुर और दिल्ली से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (26 सितंबर) को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), खड़गपुर को एक स्टूडेंट द्वारा IIT दिल्ली में ट्रांसफर की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया।
याचिकाकर्ता एक अनुसूचित जाति का छात्र है। उसे मानसिक स्वास्थ्य सेवा उपचार की आवश्यकता है, IIT-Delhi में ट्रांसफर की मांग कर रहा है ताकि वह अपने माता-पिता के साथ रह सके और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली में उपचार प्राप्त कर सके।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महदेवन की खंडपीठ ने IIT Delhi और AIIMS को भी नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा।
संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने सुकदेब साहा बनाम आंध्र प्रदेश राज्य के हालिया फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि "मेंटल हेल्थ भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का एक अभिन्न अंग है" और स्टूडेंट के मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को दिशानिर्देश जारी किए गए।
याचिकाकर्ता ने बताया कि वह अवसादग्रस्त है और बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से पीड़ित है, जिसके लिए उन्नत उपचार की आवश्यकता है। चूंकि बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर - जिस कोर्स के लिए याचिकाकर्ता खड़गपुर में अध्ययन कर रहा है - IIT-Delhi में उपलब्ध नहीं है, इसलिए याचिकाकर्ता ने अपनी JEE Advanced रैंक के अनुसार IIT दिल्ली में एक उपयुक्त बी.टेक कोर्स में जगह मांगी है।
इस मामले पर अगली सुनवाई 10 अक्टूबर, 2025 को होगी।
Case : XXXv. Indian Institute of Technology, Kharagpur and others | WP(c) 889/2025