सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से दोषी को सजा पूरी होने के बाद भी एक साल जेल में रखने पर स्पष्टीकरण मांगा

Update: 2025-08-27 07:28 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार से जवाब मांगा कि बलात्कार के अपराध में दोषी ठहराया गया व्यक्ति सात साल की पूरी सजा काटने के बाद भी आठ साल से ज़्यादा समय तक जेल में क्यों रहा।

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने इसे "गंभीर चूक" बताते हुए राज्य सरकार से दो हफ़्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।

खंडपीठ ने कहा,

"हम जानना चाहते हैं कि इतनी गंभीर चूक कैसे हुई और याचिकाकर्ता सात साल की पूरी सजा काटने के बाद भी आठ साल से ज़्यादा समय तक जेल में क्यों रहा। हम चाहते हैं कि राज्य सरकार इस संबंध में उचित स्पष्टीकरण दे।"

संक्षेप में कहें तो याचिकाकर्ता को 2004 में मध्य प्रदेश सेशन कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376(1), 450 और 560बी के तहत दंडनीय अपराध के लिए दोषी ठहराया और आजीवन कारावास और 2,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

अपील में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 2007 में उसकी अपील आंशिक रूप से स्वीकार की और सजा घटाकर 7 साल कर दी। हालांकि, इस साल जून में ही याचिकाकर्ता को आठ साल से ज़्यादा की अतिरिक्त सजा काटने के बाद जेल से रिहा किया गया।

Case Details: SOHAN SINGH @ BABLU v STATE OF MADHYA PRADESH

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