सुप्रीम कोर्ट ने BCCI मामले को जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच को भेजा
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से संबंधित मामलों की सुनवाई करेगी।
बीसीसीआई ने अब अपने संविधान में संशोधन की अनुमति के लिए आवेदन दिया है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने जब मामला बुधवार को आया तो सीजेआई एनवी रमना ने बताया कि BCCI मामले में पिछला आदेश अगस्त, 2018 में तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस एएम खानविलकर की पीठ द्वारा पारित किया गया था।
पिछली बेंच के सदस्यों में से सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ जस्टिस चंद्रचूड़ ही बचे हैं, क्योंकि बाकी दो जज रिटायर हो चुके हैं। इसलिए सीजेआई ने भारत के सॉलिसिटर जनरल से कहा कि इस मामले को जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच को भेजा जाएगा।
सेवानिवृत्त जस्टिस आरएम लोढ़ा की समिति की सिफारिशों के आधार पर BCCI ने अपना संविधान तैयार किया, जिसमें राज्य स्तर या बीसीसीआई के पदाधिकारी के पद पर छह साल के बाद तीन साल का कूलिंग ऑफ अबॉलेशन अनिवार्य है। BCCI ने अपने सचिव और अध्यक्ष जैसे पदाधिकारियों की कूलिंग पीरियर्ड को समाप्त करने की मांग की, जो वर्तमान अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को अपने-अपने राज्य संघों में छह साल पूरे करने के बावजूद पद पर बने रहने में सक्षम बनाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह को मामले में एमिक्स क्यूरी नियुक्त किया, क्योंकि पूर्व एमिक्स क्यूरी जस्टिस पीएस नरसिम्हा अब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश हैं।
केस टाइटल: क्रिकेट और अन्य के लिए नियंत्रण बोर्ड बनाम क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार और अन्य।