सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में तेलंगाना के वकील दंपति की हत्या की CBI जांच के आदेश दिए
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को तेलंगाना के पेड्डापल्ली जिले में 2021 में वकील दंपति गट्टू वामन राव और पीवी नागमणि की हत्या की जांच अपने हाथ में लेने का आदेश दिया और कहा कि मामले में आगे की जांच की आवश्यकता है।
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ राव के पिता गट्टू किशन राव द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें CBI जांच की मांग की गई थी। उन्होंने तेलंगाना हाईकोर्ट के 2021 के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें जांच पूरी होने के आधार पर जांच ट्रांसफर करने की उनकी याचिका का निपटारा कर दिया गया था।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि अपराध पूर्व रंजिश के कारण किया गया, क्योंकि दंपति कुछ लोगों को बेनकाब करने के लिए एक मामले को आगे बढ़ा रहे थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि वीडियो उपलब्ध होने के बावजूद जांच ठीक से नहीं की गई, जिसमें पीड़ितों में से एक ने दूसरे व्यक्ति को फंसाया, जिसे आरोपी नहीं बनाया गया।
खंडपीठ ने पहले राज्य को वीडियो और रिकॉर्डिंग की प्रामाणिकता की पुष्टि करने का निर्देश दिया। इस संबंध में राज्य के हलफनामे में कहा गया कि फोरेंसिक विश्लेषण के अनुसार, वीडियो असली था।
इसे ध्यान में रखते हुए अदालत ने कहा कि उचित जांच आवश्यक है। चूंकि राज्य पहले ही जांच कर चुका है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने CBI को जांच अपने हाथ में लेने और फाइनल रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति दी।
अदालत ने आदेश दिया,
"उपरोक्त बातों से हमारा मानना है कि इस मामले में निश्चित रूप से आगे की जांच की आवश्यकता है। हम गुण-दोष के आधार पर कुछ नहीं कह रहे हैं। इतना कहना ही पर्याप्त है कि इस मामले में उचित जांच की आवश्यकता है। आगे की जांच हो या नए सिरे से जांच, यह जांच एजेंसी के लिए स्वतंत्र है। चूंकि राज्य सरकार पहले ही जांच कर चुकी है, इसलिए हम CBI को जांच अपने हाथ में लेने और फाइनल रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति देने के पक्ष में हैं।"
अदालत ने वर्तमान अभियुक्तों को भी सुरक्षा प्रदान की, लेकिन स्पष्ट किया कि इससे CBI को किसी भी प्रस्तावित अभियुक्त को गिरफ्तार करने से नहीं रोका जाएगा।
मामले की पृष्ठभूमि
वामन राव और नागमणि राव दोनों हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते थे, रामगिरी मंडल के एक गांव के पास दो हमलावरों द्वारा उनकी कार रोककर उन पर चाकुओं और अन्य हथियारों से हमला करने पर उनकी हत्या कर दी गई। सितंबर, 2020 में उन्होंने मंथनी पुलिस स्टेशन में कथित हिरासत में हुई मौत के मामले में जनहित याचिका के रूप में लिखे गए पत्र के बाद पुलिस द्वारा उत्पीड़न और धमकियों का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने विभिन्न अदालतों में जनहित के मुद्दों पर कई जनहित याचिकाएं भी दायर की थीं।
तेलंगाना हाईकोर्ट ने आगे की जांच की मांग वाली याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि 19 मई, 2021 को मंथनी के प्रथम श्रेणी प्रधान न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष व्यापक आरोप पत्र दायर किया जा चुका है। करीमनगर स्थित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय में मामले की सुनवाई की प्रतीक्षा है। याचिकाकर्ता ने वर्तमान मामले में इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
Case Title – Gattu Kishan Rao v. State of Telangana