370 के प्रावधानों को हटाने के खिलाफ याचिका पर उचित पीठ करेगी सुनवाई, SC ने कहा, क्या संशोधन पर रोक लगा सकता है UN ?

संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। याचिका में उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति का आदेश, जिसमें जम्मू-कश्मीर राज्य की विशेष स्थिति को हटाया गया है, पूरी तरह असंवैधानिक है और सरकार को इसके बजाय संसदीय मार्ग अपनाना चाहिए था।

Update: 2019-08-08 14:28 GMT

जम्मू- कश्मीर के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के आदेश के खिलाफ वकील एम. एल. शर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा है कि इस पर उचित पीठ सुनवाई करेगी।

अदालत ने मामले को जल्द सुनने से किया इनकार

याचिकाकर्ता शर्मा ने जस्टिस एन. वी. रमना के समक्ष केस की जल्द सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि इस केस की जल्द सुनवाई की जरूरत है क्योंकि पाकिस्तान इस मामले को लेकर संयुक्त राष्ट्र जा रहा है। लेकिन जस्टिस रमना ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, "क्या संयुक्त राष्ट्र संविधान में संशोधन पर रोक लगा सकता है? आप अपनी ऊर्जा केस में बहस के लिए बचाए रखें।"

"J&K की विशेष स्थिति को हटाने का कदम असंवैधानिक"

दरअसल वकील मनोहर लाल शर्मा ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। याचिका में उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति का आदेश, जिसमें जम्मू-कश्मीर राज्य की विशेष स्थिति को हटाया गया है, पूरी तरह असंवैधानिक है और सरकार को इसके बजाय संसदीय मार्ग अपनाना चाहिए था। याचिका में यह भी कहा गया है कि अनुच्छेद 370 के तहत शक्तियों का उपयोग करके इस अनुच्छेद को समाप्त नहीं किया जा सकता है, और इसलिए यह आदेश संविधान के विपरीत है।

संविधान (जम्मू और कश्मीर के लिए आवेदन), 1954 को लागू करने के लिए उपर्युक्त राष्ट्रपति आदेश 5 अगस्त, 2019 को पारित किया गया था। इसमें कहा गया है कि भारत के संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर लागू होंगे और "अनुच्छेद 370 में संविधान सभा को राज्य राज्य की विधान सभा द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा।" यह कदम जम्मू-कश्मीर राज्य को केंद्र सरकार के सीधे नियंत्रण में लाने के प्रकाश में देखा जा सकता है।  

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