RAW से जुड़े केस में दस्तावेज़ देने की मांग पर पूर्व सैन्य अधिकारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने आज सेवानिवृत्त मेजर जनरल वी.के. सिंह की उस याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act) के तहत उनके खिलाफ दर्ज मामले में CBI द्वारा भरोसा किए गए दस्तावेजों की निरीक्षण (inspection) की अनुमति तो दी गई थी, लेकिन उनकी प्रतियां (supply) उपलब्ध कराने से इंकार किया गया था।
मामला क्या है?
सेवानिवृत्ति के बाद मेजर जनरल वी.के. सिंह ने जून 2007 में एक किताब प्रकाशित की थी—
'India's External Intelligence – Secrets of Research and Analysis Wing (RAW)',
जिसमें कथित रूप से R&AW में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। इसी के बाद CBI ने उनके खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत FIR दर्ज की। वर्ष 2008 में CBI ने शिकायत और पुलिस रिपोर्ट ट्रायल कोर्ट में दाखिल की।
CBI का आरोप था कि किताब में—
• अधिकारियों के नाम,
• विभिन्न स्थानों से संबंधित संवेदनशील सूचनाएँ,
• GOM की सिफारिशें
जैसी गोपनीय जानकारियाँ उजागर की गईं।
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और विजय विश्नोई की खंडपीठ ने एडवोकेट प्रशांत भूषण की दलीलें सुनने के बाद नोटिस जारी किया। भूषण ने बताया कि—
• मजिस्ट्रेट ने पहले Singh को दस्तावेजों की कॉपी देने की अनुमति दी थी,
• शर्त यह थी कि वे इन्हें किसी के साथ साझा नहीं करेंगे,
• CBI ने इस पर आपत्ति की थी, लेकिन मजिस्ट्रेट ने दस्तावेजों की आपूर्ति का आदेश बरकरार रखा।
हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट ने बाद में मजिस्ट्रेट के आदेश में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि—
• Singh दस्तावेजों का सिर्फ निरीक्षण कर सकते हैं,
• लेकिन उनकी प्रतियां नहीं दी जाएँगी।
भूषण ने 1981 के एक निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि यदि अभियोजन जिन दस्तावेज़ों पर निर्भर है, उनकी प्रतियां आरोपी को न दी जाएँ, तो यह निष्पक्ष सुनवाई (fair trial) के अधिकार का उल्लंघन होगा, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित है।
हाईकोर्ट का दृष्टिकोण
हाई कोर्ट ने माना था कि—
• दस्तावेजों की आपूर्ति निष्पक्ष सुनवाई का अभिन्न हिस्सा है,
• लेकिन सुरक्षा और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए निरीक्षण पर्याप्त होगा।
हाईकोर्ट ने कहा था कि सिंह और उनके अधिवक्ता को आवश्यकता पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में रखे दस्तावेजों का निरीक्षण करके अपने बचाव की तैयारी करने की अनुमति रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट की दखल
दस्तावेजों की प्रतियां न दिए जाने से असंतुष्ट सिंह सुप्रीम कोर्ट पहुँचे, जिसके बाद आज अदालत ने इस मामले में नोटिस जारी कर CBI और अन्य पक्षों से जवाब मांगा है।