सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक सहयोग पर नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

सुप्रीम कोर्ट ने दोनों देशों के बीच न्यायिक सहयोग को विकसित करने, बढ़ावा देने और मजबूत करने के लिए नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
चीफ जस्टिस ऑफ नेपाल प्रकाश मान सिंह राउत और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

दोनों देशों और उनके लोगों के बीच मौजूद सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंधों से प्रेरित होकर समझौता ज्ञापन का उद्देश्य दोनों देशों की न्यायपालिकाओं के बीच सहयोग को विकसित करना, बढ़ावा देना और मजबूत करना है। समझौता ज्ञापन न केवल कानून और न्याय के क्षेत्र में नवीनतम विकास पर सूचनाओं के पारस्परिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि यात्राओं के आदान-प्रदान, अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रशिक्षण और शैक्षणिक कार्यक्रमों जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से न्यायपालिका के विभिन्न स्तरों पर जजों और अधिकारियों के बीच बातचीत को भी बढ़ावा देगा।

लंबित मामलों को निपटाने, अदालती प्रक्रियाओं में तेजी लाने और हितधारकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में टेक्नोलॉजी के उपयोग के महत्व को पहचानते हुए समझौता ज्ञापन में अपने-अपने कोर्ट और अन्य संस्थानों में उपयोग की जाने वाली टेक्नोलॉजी से संबंधित जानकारी साझा करने का प्रावधान है। समझौता ज्ञापन के अनुसार न्यायिक सहयोग को बढ़ावा देने और उसे और मजबूत बनाने के लिए योजनाओं और तौर-तरीकों पर काम करने के लिए दोनों न्यायपालिकाओं के अधिकारियों से मिलकर संयुक्त कार्य समूह बनाया जाएगा।
भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने पहले इजरायल के सुप्रीम कोर्ट, सिंगापुर गणराज्य के सुप्रीम कोर्ट, बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट, भूटान के सुप्रीम कोर्ट, ट्यूनीशिया सरकार, जाम्बिया सरकार, मोरक्को सरकार, मालदीव सरकार सहित अन्य देशों/संगठनों के साथ न्यायिक सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।