महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस के गठबंधन के खिलाफ एक और याचिका पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
एक तरफ महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ( NCP) और कांग्रेस का गठबंधन सरकार बनाने को तैयार है तो वहीं सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार किया है जिसमें अदालत से अनुरोध किया गया है कि अदालत महा विकास अघाड़ी की गठबंधन सरकार बनने पर रोक लगाए।
बुधवार को इस संबंध में याचिकाकर्ता ने मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे से मामले की जल्द सुनवाई का अनुरोध किया। लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने इससे इनकार करते हुए कहा कि इसके लिए जल्द सुनवाई की जरूरत नहीं है।
मतदाता ने कहा, यह गठबंधन अपवित्र
दरअसल महाराष्ट्र के रहने वाले सुरेंद्र इंद्रबहादुर सिंह ने याचिका में कहा है कि वो मुंबई के एक मतदाता हैं और ये गठबंधन अपवित्र है। सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल को इस अपवित्र गठबंधन को सरकार बनाने का न्यौता देने से रोकने के निर्देश जारी करे।
याचिका में ये भी कहा है कि ये जनादेश के खिलाफ है। तीनों राजनीतिक पार्टियां एक- दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं और लोगों ने बीजेपी-शिवसेना की महायुति या फिर कांग्रेस- NCP के गठबंधन को अपना मत दिया था जो चुनाव से पहले ही बने थे। इस तरह से गठबंधन जनादेश के खिलाफ है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट दखल दे और अगर सरकार बन भी जाती है तो इसे असंवैधानिक और शून्य करार दे।
हालांकि इसी तरह की एक याचिका अखिल भारत हिन्दू महासभा के नेता प्रमोद जोशी ने भी दाखिल की है। इस याचिका में प्रमोद जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि महाराष्ट्र में चुनाव के नतीजे के बाद शिवसेना, NCP और कांग्रेस के बीच गठबंधन असंवैधानिक है और ये चुनावी प्रक्रिया और भारतीय संविधान के साथ धोखा है।
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखल दे और इस गठबंधन को सरकार बनाने से रोके। याचिका में तीनों पार्टियों को भी पक्षकार बनाया गया है। हालांकि 15 नवंबर को भी सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया था।