सुप्रीम कोर्ट ने प्रेम विवाह करने वाले जोड़े को सुरक्षा देने के आदेश दिए, गिरफ्तारी पर रोक लगाई 

Update: 2020-03-09 12:52 GMT

एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश पुलिस को प्रेम विवाह करने वाले जोड़े के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई ना करने के निर्देश दिए हैं।

जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस सूर्यकांत की अवकाश पीठ ने दंपती की ओर से पेश मनन मिश्रा की दलीलों पर सुनवाई करते हुए कहा है कि अगर जरूरत हो तो दोनों को सुरक्षा भी उपलब्ध कराई जाए।

दरअसल सोमवार सुबह ही मनन मिश्रा ने पीठ से इस मामले की तुरंत सुनवाई करने का आग्रह किया था। पीठ ने वेकेशन बेंच में लिस्ट चारों मामलों के बाद इसकी सुनवाई की।

प्रेम विवाह करने वाला लड़का और लड़की जयपुर के रहने वाले हैं और बालिग हैं। लड़का जैन धर्म से संबंधित है जबकि लड़की हिन्दू धर्म की है। लड़का कंप्यूटर इंजीनियर है जबकि लड़की डॉक्टर है। दोनों ने दिल्ली आकर 28 फरवरी को आर्य समाज मंदिर में शादी की थी।

लड़के की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि शादी के बाद लड़की के परिवार से जान को खतरा है और लड़की के परिवार वाले काफी प्रभावशाली हैं। उसने सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा के अलावा अनुरोध किया था कि उनके खिलाफ कोई पुलिस कार्रवाही या गिरफ्तारी ना हो। अदालत ने इस संबंध में नोटिस भी जारी किया है। दंपती सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहे।



 

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