सुप्रीम कोर्ट आरक्षण व्यवस्था को हटाने की मांग करने वाली जनहित याचिका दायर करने पर एलएलएम स्टूडेंट को फटकार लगाई

Update: 2022-12-13 09:12 GMT

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एलएलएम स्टूडेंट को आरक्षण व्यवस्था को हटाने की मांग करने वाली जनहित याचिका दायर करने पर फटकार लगाते हुए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की व्यवस्था को हटाने की मांग करने वाली जनहित याचिका को " प्रक्रिया का दुरुपयोग " करार दिया और इस पर विचार करने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष इस याचिका को सूचीबद्ध किया गया था।

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने याचिका पर नाराजगी व्यक्त की और कहा-

" यह क्या है? आरक्षण की व्यवस्था को हटाओ? यह याचिका है? क्यों? क्योंकि आप कह रहे हैं कि यह समानता के खिलाफ है और यह जाति व्यवस्था की ओर ले जा रही है। अगर आप वापस नहीं लेते हैं तो हम इस पर जुर्माना लगाएंगे। "

सीजेआई चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि याचिका प्रचार पाने के लिए दायर की गई प्रतीत होती है। उन्होंने दोहराया कि इस तरह की याचिका दायर करने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

सीजेआई ने कहा,

" याचिका प्रक्रिया का दुरुपयोग है। कोई वैध आधार नहीं है। "

इसके बाद वकील ने याचिका को वापस लेने की मांग की और तदनुसार इसे खारिज कर दिया गया।

केस टाइटल : शिवानी पंवार बनाम भारत संघ और अन्य। डब्ल्यूपी(सी) नंबर 1090/2022

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