क्या कस्टम्स पोर्ट से निकले सामान को ज़ब्त कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खुला छोड़ा
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कस्टम्स, एक्साइज़ और सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (CESTAT) के इस नज़रिए के खिलाफ़ अपील पर विचार करने से मना कर दिया कि एक बार पोर्ट से सामान क्लियर हो जाने के बाद कस्टम्स अधिकारी लाइसेंस की शर्तों का पालन न करने जैसे उल्लंघन के लिए उसे ज़ब्त करने का अधिकार खो देते हैं।
हालांकि, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस उज्जल भुयान की बेंच ने यह सवाल खुला छोड़ दिया कि क्या कस्टम्स अधिकारियों को पोर्ट से निकलने के बाद सामान को ज़ब्त करने का अधिकार होगा।
यह विवाद तब शुरू हुआ, जब कस्टम्स अधिकारियों ने 2022 में रेस्पोंडेंट एप्सिलॉन आई केयर द्वारा इंपोर्ट किए गए इंट्राऑक्युलर लेंस (IOLs) वाले पोस्टल पार्सल को रोका। डिपार्टमेंट ने कम कीमत और वैलिड इंपोर्ट लाइसेंस की कमी का आरोप लगाया, जिसके कारण ₹10 करोड़ से ज़्यादा की मांग की गई।
अप्रैल, 2025 में CESTAT ने डिपार्टमेंट के खिलाफ़ फैसला सुनाया और पूरी मांग को रद्द कर दिया। ट्रिब्यूनल ने खास तौर पर डिपार्टमेंट के वैल्यूएशन के तरीके और पोर्ट से क्लियर होने के बाद घरेलू मार्केट में आ चुके सामान को ज़ब्त करने की उसकी कोशिश को गलत बताया था।
यह पता चलने के बाद कि फैसले की तारीख पर रेस्पोंडेंट-इम्पोर्टर के पास वैलिड लाइसेंस था, कोर्ट ने रेस्पोंडेंट को ड्यूटी के पेमेंट से बचा लिया, लेकिन पोर्ट से निकलने के बाद कस्टम अधिकारियों की शक्तियों से जुड़े ज़रूरी कानूनी सवाल को साफ तौर पर खुला रखा, जिससे इस मुद्दे पर भविष्य में केस करने का मौका मिल सके।
अपील खारिज कर दी गई।
Cause Title: COMMISSIONER OF CUSTOMS, AIRPORT SPECIAL CARGO VERSUS EPSILON EYE CARE PVT. LTD.