सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एमआर शाह ने मामलों को सूची से हटाने के लिए रजिस्ट्री को फटकार लगाई
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एमआर शाह ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में किसी खास दिन के लिए पोस्ट किए गए मामलों को हटाने की प्रथा पर नाराजगी जताई।
जस्टिस शाह ने कोर्ट-मास्टर को संबोधित करते हुए टिप्पणी की,
"वह (रजिस्ट्रार) तय करने वाले कौन हैं? यह उनके किसी काम का नहीं है। हम फैसला करेंगे! वे कहते हैं, 'ज़्यादा मायने रखता है तो हटा देते हैं'? ये नहीं चलेगा! (वे कहते हैं, 'अधिक मामले हैं इसलिए हम इसे हटा देंगे'? ऐसा नहीं है कि यह कैसे काम करता है!) ... यह तय करने वाला वह कौन है कि यह एक अतिरिक्त मामला है? मैं मास्टर हूं!
जस्टिस शाह और जस्टिस बी वी नागरत्ना पीठ के समक्ष उपस्थित सीनियर एडवोकेट थे, इसी दौरान जस्टिस शाह ने टिप्पणी की,
"वे कहते हैं, 'अधिक मामले हैं, इसलिए इसे हटा दें'। अब हम नहीं जानते कि यह मामला सुनवाई के लिए कब आएगा!"
जस्टिस शाह ने कोर्ट-मास्टर से कहा,
"उन्हें (रजिस्ट्रार) बताओ, 'हम विशेष रूप से बंचिंग करके रखते हैं तो ऐसा नहीं करना चाहिए' (उन्हें बताएं, 'हम विशेष रूप से मामलों को तय करते हैं और उन्हें पोस्ट करते हैं, इसलिए यह नहीं किया जाना चाहिए')।"
इसके बाद जज ने रजिस्ट्रार को गुरुवार दोपहर 1:45 बजे जज से मिलने के लिए कहा।
जस्टिस शाह ने कोर्ट-मास्टर से कहा,
"उन्हें 1:45 पर कॉल करें। उन्हें बताएं, 'सर बुला रहे हैं' (उन्हें बताएं, 'मैं उन्हें देखना चाहता हूं')।"