सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहन शांतनगौदर का निधन
Supreme Court Judge Justice Mohan Shantanagoudar Passes Away
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहन शांतनगौदर का 24 अप्रैल की देर रात निधन हो गया। उन्होंने गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद अंतिम सांस ली। वे 62 साल के थे।
उन्हें 17 फरवरी, 2017 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और उनका कार्यकाल 5 मई, 2023 तक था।
सर्वोच्च न्यायालय में पदभार संभालने से पहले न्यायमूर्ति शांतनगौदर केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे।
उन्होंने 05.09.1980 को एक वकील के रूप में दाखिला लिया। उन्होंने एक साल तक धारवाड़ में श्री आई.जी. हिरेगौदर के चैंबर में प्रैक्टिस की। उन्होंने श्री शिवराज वी पाटिल, एडवोकेट (जैसा कि वे तब थे) का चैंबर्स ज्वॉइन किया। उन्होंने वर्ष 1984 में अपनी खुद की प्रैक्टिस शुरू की। उन्होंने मुख्य रूप से सिविल, आपराधिक और संवैधानिक मामलों में अभ्यास किया।
उन्होंने 1991 से 1993 तक कर्नाटक स्टेट बार काउंसिल के उपाध्यक्ष और 1995 और 1996 के दौरान कर्नाटक स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 1999 से 2002 तक कर्नाटक राज्य के राज्य लोक अभियोजक के रूप में सेवा की।
उन्हें 12.05.2003 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश और 24.09.2004 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
स्थानांतरण पर उन्होंने केरल के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्होंने 22.09.2016 को केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।