सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड राज्य सूचना आयोग के रिक्त पदों को भरने के लिए दायर याचिका पर नोटिस जारी किया

Update: 2021-01-28 05:58 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को झारखंड राज्य सूचना आयोग में रिक्तियों को भरने के लिए नोटिस जारी किया। दरअसल, कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस जनहित याचिका में झारखंड राज्य सूचना आयोग में रिक्त पदों को भरने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई थी।

जस्टिस एस अब्दुल नाज़ेर और सूर्या कांत की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता तिश्मपति सेन की दलीलें सुनीं और नोटिस जारी की।

जनहित याचिका यह कहती है कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए दायर किया गया है। इसमें कहा गया है कि मुख्य राज्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त का पद खाली पड़ा है, जिसमें मई 2020 में ही मुख्य राज्य सूचना आयुक्त सेवानिवृत्त हो गए हैं।

इस रिक्ति पदों को देखते हुए यह तर्क दिया जाता है कि आरटीआई अधिनियम का उद्देश्य और भावना पराजित है क्योंकि यह आरटीआई कानून का पालन न करने के लिए सार्वजनिक अधिकारियों के खिलाफ अपील और शिकायतों का फैसला करने के लिए नामित वैधानिक प्राधिकरण का कर्तव्य है।

इसके अलावा दलील में कहा गया है कि झारखंड राज्य की ओर से इन रिक्तियों को भरने के लिए कोई प्रभावी प्रयास नहीं किया गया है। वास्तव में, 7669 अपील और 71 शिकायतें झारखंड के एसआईसी के समक्ष लंबित हैं, जो कि एसआईसी से प्राप्त एक आरटीआई के अनुसार है।

इस बात पर भी जोर दिया गया कि शीर्ष न्यायालय द्वारा सूचना आयुक्तों की समयबद्ध नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिए जाने के बावजूद भी पत्र और भावना का अनुपालन नहीं किया गया है।

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए झारखंड एसआईसी में रिक्त पदों को भरने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।

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