सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 2020-2022 बैच के D.El.Ed उम्मीदवारों को राहत दी

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 2020-2022 बैच में डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (D.El.Ed) कोर्स करने वाले कई उम्मीदवारों को राहत देते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट का फैसला पलट दिया, जिसमें उन्हें प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षकों के पद के लिए आवेदन करने के लिए अयोग्य ठहराया गया था।
हाईकोर्ट ने माना था कि चूंकि इन उम्मीदवारों ने 29.09.2022 को पदों के लिए अधिसूचना जारी होने तक कोर्स पूरा करने का प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया, इसलिए वे अयोग्य हैं।
हाईकोर्ट की व्याख्या गलत बताते हुए जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने तेज प्रकाश पाठक बनाम राजस्थान हाईकोर्ट, (2025) 2 एससीसी 1 के हाल ही में संविधान पीठ के निर्णय पर भरोसा करते हुए कहा कि नियमों में प्रदान की गई कट-ऑफ तिथि के अभाव में पात्रता का निर्धारण आवेदन आमंत्रित करने वाले विज्ञापन में नियुक्त तिथि के आधार पर किया जाएगा।
न्यायालय ने तेज प्रकाश पाठक के मामले में टिप्पणी की,
“जिस कट-ऑफ तिथि के संदर्भ में पात्रता निर्धारित की जानी है, वह प्रासंगिक सेवा नियमों द्वारा नियुक्त तिथि है; जहां नियमों में ऐसी कोई कट-ऑफ तिथि प्रदान नहीं की गई, तो वह आवेदन आमंत्रित करने वाले विज्ञापन में नियुक्त तिथि होगी; यदि ऐसी कोई तिथि नियुक्त नहीं की गई तो पात्रता मानदंड उस अंतिम तिथि के संदर्भ में लागू किए जाएंगे, जिस तक आवेदन प्राप्त किए जाने थे।”
मामला
मुख्य मुद्दा पश्चिम बंगाल प्राथमिक विद्यालय शिक्षक भर्ती नियम, 2016 के नियम 6(2) की व्याख्या से संबंधित है, जो कट-ऑफ तिथि निर्दिष्ट किए बिना NCTE द्वारा निर्धारित योग्यता को अपनाता है।
COVID-19 महामारी के कारण 2020-2022 D.El.Ed कोर्स में देरी हुई और यह 30 जून की सामान्य तिथि तक पूरा नहीं हो सका।
उम्मीदवारों को चिंता थी कि वे नियुक्ति के लिए अधिक उम्र के हो सकते हैं, इसलिए उन्होंने समय पर परिणाम घोषित करने या भर्ती स्थगित करने के लिए हाईकोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की।
एकल जज ने बोर्ड द्वारा शीघ्र परिणाम घोषित करने के आश्वासन के आधार पर उन्हें भाग लेने की अनुमति दी।
29.09.2022 को बोर्ड ने परिणाम घोषित किए और आगामी भर्ती का संकेत देते हुए अधिसूचना जारी की। 29.09.2022 को जारी अधिसूचना में 2020-22 कोर्स करने वाले उम्मीदवारों को आवेदन करने की स्पष्ट रूप से अनुमति दी गई।
21.10.2022 को विस्तृत भर्ती अधिसूचना जारी की गई, जिसमें अपीलकर्ताओं जैसे उम्मीदवारों को आवेदन करने की अनुमति दी गई। उम्मीदवारों को 29.11.2022 को कोर्स पूरा होने का प्रमाण पत्र मिला।
हालांकि, जिन प्रतिवादियों ने अपना D.El.Ed 29.09.2022 से पहले योग्यता निर्धारित करने वाले हाईकोर्ट के वकीलों ने इसे खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी, जिसमें तर्क दिया गया कि अपीलकर्ता भर्ती अधिसूचना तिथि के अनुसार अपात्र हैं। खंडपीठ ने प्रतिवादी-रिट अपील को स्वीकार कर लिया और 29.09.2022 को कट-ऑफ मानते हुए एकल जज के निर्णय को पलट दिया। व्यथित होकर अपीलकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रश्न मुद्दा यह था कि क्या हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पद के लिए अपीलकर्ता की पात्रता निर्धारित करने के लिए 29.09.2022 को कट-ऑफ तिथि मानकर गलती की, जबकि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने ऐसी कोई तिथि निर्धारित नहीं की और 2016 की भर्ती नियमावली के नियम 6(2) में समय-सीमा निर्दिष्ट किए बिना NCTE की योग्यताएं शामिल की गई थीं। 2016 भर्ती नियमों के नियम 6(2) में कहा गया:
“उम्मीदवार के पास राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा निर्धारित न्यूनतम शैक्षिक और प्रशिक्षण योग्यता होनी चाहिए, जो भर्ती अधिसूचना के प्रकाशन की तिथि तक लागू हो।”
निर्णय
जस्टिस नरसिम्हा द्वारा लिखित निर्णय में विवादित निष्कर्षों को खारिज करते हुए कहा गया कि डिवीजन बेंच ने 29.09.2022 को कट-ऑफ डेट मानकर गलती की, क्योंकि वास्तविक भर्ती अधिसूचना बाद में (21.10.2022) जारी की गई, जिससे भर्ती नियमों में कट-ऑफ तिथियों के अभाव में इसे पात्रता की तिथि बना दिया गया।
अदालत ने कहा,
“इस मामले के तथ्य असाधारण स्थिति को दर्शाते हैं, जहां बोर्ड और हाईकोर्ट (एकल न्यायाधीश) ने COVID-19 महामारी के तुरंत बाद 2020-22 की D.El.Ed परीक्षा के विलंब से आयोजित होने के कारण उत्पन्न हुई समस्या को हल करने की मांग की। हमारा मानना है कि 21.10.2022 की वास्तविक भर्ती अधिसूचना में कोई अवैधता और मनमानी नहीं है और भर्ती प्रक्रिया प्रासंगिक नियमों के तहत और रिट याचिका का निपटारा करने वाले हाईकोर्ट के एकल जज के निर्देशों के अनुसार शुरू हुई। उल्लेखनीय है कि 21.10.2022 की भर्ती अधिसूचना को किसी ने चुनौती नहीं दी।”
न्यायालय ने आगे कहा,
"भूपिंदरपाल सिंह (सुप्रा) में इस न्यायालय द्वारा निर्धारित सिद्धांत और राकेश कुमार शर्मा (सुप्रा) में संदर्भित बाद के निर्णय तथा तेज प्रकाश (सुप्रा) में संविधान पीठ द्वारा दिए गए निर्णय यह मानते हैं कि योग्यताएं नियमों या अधिसूचना में निर्धारित योग्यताओं के अनुसार होनी चाहिए और दोनों के अभाव में आवेदन प्राप्त करने के लिए नियत अंतिम तिथि के संदर्भ में होनी चाहिए। 21.10.2022 की भर्ती अधिसूचना में संकेत दिया गया कि अपीलकर्ताओं को एक अवसर दिया जाएगा, और यह इरादा उनके लाभ के लिए होना चाहिए।"
न्यायालय ने यह भी माना कि यह अनुच्छेद 142 के तहत असाधारण शक्तियों को लागू करने के लिए उपयुक्त मामला था। उपरोक्त के आलोक में न्यायालय ने 21.10.2022 की भर्ती अधिसूचना को कानूनी और वैध माना और निर्देश दिया कि "21.10.2022 की अधिसूचना में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़नी चाहिए और बोर्ड को भर्ती प्रक्रिया को यथासंभव शीघ्रता से समाप्त करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए।"
तदनुसार, अपील स्वीकार कर ली गई।
केस टाइटल: सौमेन पॉल और अन्य बनाम श्राबनी नायक और अन्य (और संबंधित मामले)