सुप्रीम कोर्ट ने कथित सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में 'शुआट्स' के वीसी, निदेशक की गिरफ्तारी पर रोक अगले आदेश तक बढ़ा दी

Update: 2023-07-14 09:42 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने आज कथित सामूहिक धर्म परिवर्तन मामले में सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज (पूर्व में इलाहाबाद कृषि संस्थान) के कुलपति (डॉ.) राजेंद्र बिहारी लाल और निदेशक विनोद बिहारी लालंद को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी।

मामला सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आवेदकों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। आज कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक गिरफ्तारी पर रोक रहेगी।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा-

"हम काउंटर दाखिल करने का समय चार सप्ताह बढ़ा देंगे और हम अगले आदेश तक उन पर रोक लगा देंगे।"

इस मामले में एफआईआर पिछले साल अप्रैल में हिमांशु दीक्षित नामक एक कार्यकर्ता की शिकायत पर दर्ज की थी। शिकायत में उसने आरोप लगाया था कि हिंदू धर्म के लगभग 90 व्यक्तियों को इवेंजेलिकल चर्च ऑफ इंडिया, हरिहरगंज, फतेहपुर में धर्मांतरण के उद्देश्य से इकट्ठा किया गया है।

इसकी सूचना मिलने पर सरकारी अधिकारी मौके पर पहुंचे और पादरी विजय मसीहा से पूछताछ की, जिन्होंने कथित तौर पर खुलासा किया कि धर्मांतरण की प्रक्रिया पिछले 34 दिनों से चल रही थी और यह प्रक्रिया 40 दिनों के भीतर पूरी की जाएगी. वर्तमान आवेदक का नाम एफ‌आईआर में नहीं था, हालांकि, उसे बाद के चरण में दो इच्छुक गवाहों और मामले के जांच अधिकारी द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर शामिल किया गया।

उन्होंने कथित तौर पर यह भी बताया कि वे मिशन अस्पताल में भर्ती मरीजों का भी धर्मांतरण करने की कोशिश कर रहे हैं और कर्मचारी इसमें सक्रिय भूमिका निभाते हैं। जिसके बाद सरकारी अधिकारियों ने 35 व्यक्तियों और 20 अज्ञात व्यक्तियों को हिंदू समुदाय के 90 व्यक्तियों के ईसाई धर्म में धर्मांतरण में शामिल पाया।

केस टाइटल: विनोद बिहारी लाल बनाम यूपी राज्य | एसएलपी(सीआरएल) क्रमांक 5376-5377/2023


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