SIR प्रक्रिया में समय-सीमा बढ़ाने पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से 'सहानुभूतिपूर्वक विचार' करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (18 दिसंबर) को भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से उत्तर प्रदेश और केरल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के तहत गणना प्रपत्र (Enumeration Forms) जमा करने की समय-सीमा बढ़ाने के अनुरोधों पर “सहानुभूतिपूर्वक विचार” करने को कहा।
चीफ़ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की खंडपीठ देश के विभिन्न राज्यों में चल रही एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं के समूह पर सुनवाई कर रही थी।
उत्तर प्रदेश से जुड़े मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने समय-सीमा बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव मार्च–अप्रैल 2027 में होने हैं, ऐसे में एसआईआर प्रक्रिया को जल्दबाजी में पूरा करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने 11 दिसंबर को उत्तर प्रदेश में गणना अवधि संशोधित करते हुए अंतिम तिथि 26 दिसंबर कर दी थी और मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन की तारीख 31 दिसंबर तय की गई है।
निर्वाचन आयोग की ओर से सीनियर एडवोकेट राकेश द्विवेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश और केरल में एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए उन्हें अतिरिक्त समय चाहिए। समय-सीमा बढ़ाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आयोग स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जहां आवश्यकता होती है, वहां समय बढ़ाया जा रहा है।
केरल से संबंधित याचिकाओं में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील दी कि राज्य में करीब 25 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने की कगार पर हैं। उन्होंने कहा, “पति का नाम है, पत्नी का नाम नहीं है, पत्नी का नाम हटा दिया गया है।”
समय-सीमा बढ़ाने के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रतिनिधित्व (Representation) देने की अनुमति दी और आयोग को निर्देश दिया कि वह “सभी जमीनी हकीकतों और प्रासंगिक तथ्यों को ध्यान में रखते हुए ऐसे अनुरोधों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उचित निर्णय ले।”
एक अन्य आवेदन में अधिवक्ता चारु माथुर ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने अब एसआईआर प्रक्रिया के लिए स्वयंसेवकों को लगाया है, जिससे नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा के लीक होने का खतरा है, खासकर जब डिजिटल गिरफ्तारी (Digital Arrest) जैसे घोटाले बढ़ रहे हैं। हालांकि, पीठ ने इस आवेदन पर विचार करने से इनकार कर दिया।
केरल में एसआईआर की समय-सीमा को पहले स्थानीय निकाय चुनावों के कारण 4 दिसंबर से 11 दिसंबर और फिर 11 दिसंबर से 18 दिसंबर तक बढ़ाया गया था।
अदालत ने यह भी दर्ज किया कि निर्वाचन आयोग एसआईआर की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 6 जनवरी 2026 को अपनी दलीलें रखेगा। याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस पूरी हो चुकी है।