'क्या विदेशी पुलिस को भारतीयों को गिरफ्तार न करने के लिए कहा जा सकता है?' : सुप्रीम कोर्ट ने भारतीयों की विदेश में सुरक्षित यात्रा के लिए दिशा-निर्देश मांगने वाली जनहित याचिका खारिज की

Update: 2023-01-02 13:19 GMT

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सोमवार को विदेश में भारतीयों की सुरक्षित यात्रा के लिए दिशानिर्देशों की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। 

याचिका एक ऐसे व्यक्ति द्वारा दायर की गई थी जिसे गलत पहचान के कारण अबू धाबी में हिरासत में लिया गया था। याचिका में विदेश जाने वाले भारत के सभी नागरिकों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की मांग की गई थी।

याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे चार दिनों तक हिरासत में रखा गया और उसे भोजन उपलब्ध नहीं कराया गया।  इसके अलावा, भारत के विदेश मंत्रालय ने भी उसके अनुरोध का जवाब नहीं दिया।  याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि विदेश मंत्रालय को ऐसे दिशानिर्देश तैयार करने चाहिए जो विदेशों में भारतीयों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करें।

पीठ इस याचिका से सहमत नहीं हुई और कहा कि वह मंत्रालय को ऐसे किसी भी दिशा-निर्देश को तैयार करने का निर्देश नहीं दे सकती और भले ही याचिकाकर्ता को नुकसान उठाना पड़ा हो, लेकिन वह जो उपाय मांग रहा, वह गलत है। 

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,

 “हम विदेश मंत्रालय को दिशानिर्देश तैयार करने के लिए निर्देश नहीं दे सकते।  हजारों नागरिक विदेश जाते हैं।  आपको कठिनाई का सामना करना पड़ा लेकिन आपका उपाय गलत है।  एसओपी क्या कहेगा?  क्या यह कहा जा सकता है कि विदेशी पुलिस भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार नहीं कर सकती?  यदि कोई नागरिक दूसरे देश के क्षेत्र में जाता है तो वह उस देश के कानून द्वारा शासित होता है।  विदेश मंत्रालय को इस तरह के दिशानिर्देश रखने का निर्देश कैसे दिया जा सकता है?  आप कॉन्सुलर एक्सेस की मांग कर सकते हैं लेकिन एसओपी क्या कर सकती है?"

 तदनुसार, अदालत ने याचिका खारिज कर दी।

 केस टाइटल: प्रवीण कुमार बनाम यूओआई डब्ल्यूपी(सी) नंबर 1098/2022


Tags:    

Similar News