सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में MGNREGA फिर से शुरू करने के निर्देश के खिलाफ केंद्र की याचिका खारिज की

Update: 2025-10-27 11:50 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (27 अक्टूबर) को केंद्र सरकार द्वारा दायर याचिका खारिज की, जिसमें कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें पश्चिम बंगाल राज्य में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) योजना को 1 अगस्त 2025 से लागू करने का निर्देश दिया गया था। गबन के आरोपों के कारण राज्य में इस योजना को 2022 से रोक दिया गया था।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने मामला खारिज किया।

खंडपीठ ने कहा,

"हम इस बात से सहमत नहीं हैं कि इस आदेश में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता है। विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है।"

हाईकोर्ट ने MGNREGA योजना के तहत दिहाड़ी मजदूरों को बकाया भुगतान न करने के मामले में यह आदेश पारित किया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि भुगतान में अनियमितताएं इस योजना को हमेशा के लिए रोकने का आधार नहीं हो सकतीं। केंद्र को गबन के आरोपों की जांच जारी रखने की अनुमति देते हुए हाईकोर्ट ने उसे 1 अगस्त, 2025 से इसे फिर से शुरू करने का निर्देश दिया।

हाईकोर्ट ने अपने निर्देश में कहा था,

"इस अधिनियम की योजना ऐसी स्थिति की परिकल्पना नहीं करती, जहां इसे हमेशा के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया जाए। केंद्र सरकार के पास वेतन वितरण में अनियमितता की जांच करने के लिए पर्याप्त साधन हैं...हालांकि, पिछले कार्यों और कार्यान्वयन के लिए भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों के बीच रेखा खींची जा सकती है। इस न्यायालय की राय में यह जनहित में होगा और उस हित को पूरा करेगा, जिसके लिए यह अधिनियम बनाया गया था। इसलिए केंद्र सरकार को अपनी जांच जारी रखने की अनुमति देते हुए यह न्यायालय निर्देश देता है कि इस योजना को 1 अगस्त, 2025 से लागू किया जाए।"

Case : Union of India v. Paschim Banga Khet Mazdoor Samity | Diary No.42326/2025

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