ब्रेकिंग- सुप्रीम कोर्ट ने नए फार्मेसी कॉलेजों पर 5 साल का बैन को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की अपील खारिज की
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नए फार्मेसी कॉलेजों पर 5 साल का बैन को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की अपील खारिज की।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने हाईकोर्ट के साथ सहमति व्यक्त की कि कार्यकारी निर्देशों के माध्यम से प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है।
जस्टिस गवई ने कहा,
"अपील खारिज की जाती है। हमने माना है कि आपके पास पर्याप्त नियामक शक्तियां हैं। केवल इसलिए कि एक आवेदन किया जाता है, पीसीआई को इसे देने के लिए बाध्य नहीं होता है। फार्मेसी कॉलेजों की प्रचुरता एक कारक है जिस पर विचार किया जा सकता है। हम एचसी से सहमत हैं कि कार्यकारी निर्देश द्वारा बैन नहीं लगाया जा सकता है।"
दिल्ली, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ के उच्च न्यायालयों के फैसलों के खिलाफ अपील दायर की गई थी।
शैक्षणिक वर्ष 2020-21 से पांच साल की अवधि के लिए नए फार्मेसी कॉलेज खोलने पर रोक लगाने के लिए पीसीआई द्वारा राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को संबोधित संचार दिनांक 17.07.2019 और 09.09.2019 से संबंधित मुद्दा है।
उच्च न्यायालयों ने यह विचार किया कि पीसीआई द्वारा जारी निर्देश फार्मेसी अधिनियम 1948 द्वारा उसे प्रदत्त शक्तियों से अधिक था।
केस टाइटल: फ़ार्मेसी काउंसिल ऑफ़ इंडिया बनाम राजीव कॉलेज ऑफ़ फ़ार्मेसी एंड अन्य| एसएलपी (सी) नंबर 19671/2021 और जुड़े मामले |