सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस विक्टोरिया गौरी और 4 अन्य को मद्रास हाईकोर्ट का स्थायी जज बनाने की सिफारिश की

Update: 2024-09-10 11:39 GMT

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मद्रास हाईकोर्ट के पांच एडिशनल जजों को स्थायी बनाने की सिफारिश की।

स्थायी किए जाने वाले जजों में शामिल हैंः-

(i) जस्टिस एल विक्टोरिया गौरी।

(ii) जस्टिस पीबी बालाजी।

(iii) जस्टिस केके रामकृष्णन।

(iv) जस्टिस आर. कलीमथी।

(v) जस्टिस के गोविंदराजन थिलकावडी।

मद्रास हाईकोर्ट कॉलेजियम ने 29 अप्रैल 2024 को सर्वसम्मति से जजों को स्थायी बनाने का प्रस्ताव किया था। मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने इस सिफारिश पर सहमति जताई, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के एक जज से परामर्श किया गया और निर्णय लिया गया।

कॉलेजियम के प्रस्ताव में आगे कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की समिति ने पांच जजों के निर्णयों का मूल्यांकन किया और उनकी योग्यता का आकलन किया।

इसने राय दी कि उपरोक्त एडिशनल जज "स्थायी जज के रूप में नियुक्त किए जाने के लिए उपयुक्त और उपयुक्त हैं।"

2023 में जस्टिस विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति विवाद का विषय बन गई थी, क्योंकि उनके कथित नफरत भरे भाषणों वाले कुछ वीडियो सामने आए थे।

नफरत भरे भाषणों में उनकी कथित संलिप्तता के आधार पर उनकी नियुक्ति को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई थी। उनकी निर्धारित नियुक्ति के दिन ही याचिका पर सुनवाई हुई, जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कॉलेजियम द्वारा अनुमोदित उम्मीदवार की उपयुक्तता की न्यायिक पुनर्विचार नहीं किया जा सकता।

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