एससी कॉलेजियम ने अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले देश के एकमात्र चीफ जस्टिस को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की

Update: 2024-01-19 13:13 GMT

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रसन्ना बी वराले को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की।

जस्टिस वराले के नाम की सिफारिश करते समय कॉलेजियम ने इस तथ्य को ध्यान में रखा कि हाईकोर्ट के जजों में वह अनुसूचित जाति से संबंधित सबसे सीनियर जज हैं और देश में सभी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस में से अनुसूचित जाति से संबंधित एकमात्र चीफ जस्टिस हैं।

वह हाईकोर्ट के जजों की संयुक्त अखिल भारतीय सीनियरिटी में क्रमांक 6 पर हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट के जज की सीनियरिटी में वह सबसे सीनियर जज हैं।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाले कॉलेजियम ने पाया कि उनके द्वारा लिखे गए निर्णय कानून के हर क्षेत्र में विभिन्न मुद्दों से निपटते हैं।

पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने प्रस्ताव में दर्ज किया,

"वह बेदाग आचरण और सत्यनिष्ठा के साथ सक्षम न्यायाधीश हैं और उन्होंने पेशेवर नैतिकता के उच्च मानक बनाए रखे हैं।"

बॉम्बे हाईकोर्ट के जज के रूप में 2008 में पदोन्नत होने से पहले उन्होंने जिला और सत्र न्यायालय में नागरिक, आपराधिक, श्रम और प्रशासनिक कानून मामलों में और औरंगाबाद में हाईकोर्ट पीठ में संवैधानिक मामलों में 23 वर्षों से अधिक समय तक बार में प्रैक्टिस की। उन्हें अक्टूबर, 2022 में कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया।

यह सिफारिश पिछले महीने जस्टिस एसके कौल के रिटायर्डमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट में निकली रिक्ति के लिए की गई।

जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस कॉलेजियम के अन्य सदस्य हैं।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वराले की पदोन्नति के परिणामस्वरूप जस्टिस पीएस दिनेश कुमार को कर्नाटक हाईकोर्ट का अगला चीफ जस्टिस बनाने की भी सिफारिश की है।

प्रस्ताव पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें




Tags:    

Similar News