केंद्र सरकार ने जस्टिस बीआर सारंगी को झारखंड हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किए जाने की अधिसूचना जारी की।
गौरतलब है कि केंद्र की यह अधिसूचना सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा जस्टिस सारंगी की पदोन्नति के प्रस्ताव के करीब 6 महीने बाद आई। अब वे एक महीने से भी कम समय में 20 जुलाई को रिटायर होने वाले हैं।
वे वर्तमान में उड़ीसा हाईकोर्ट के सबसे सीनियर जज हैं और वे सीजे का पद भरेंगे, जो पूर्व चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की रिटायरमेंट के बाद 28 दिसंबर 2023 से खाली पड़ा था। तब से जस्टिस चंद्रशेखर एक्टिंग चीफ जस्टिस के रूप में कार्यरत थे।
जस्टिस बीआर सारंगी ने दिसंबर 1985 में उड़ीसा हाईकोर्ट और भारत के सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते हुए अपना कानूनी करियर शुरू किया। उन्होंने दीवानी, आपराधिक, संवैधानिक, राजस्व, कर, श्रम, सेवा, खनन, शिक्षा, बिजली, बीमा, बैंकिंग, टेलीफोन, चुनाव आदि सहित कानून की विभिन्न शाखाओं में मामलों को संभाला।
2002 में उड़ीसा हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस ने जस्टिस सारंगी को वकील के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन और पेशेवर नैतिकता के उच्च मानक के लिए स्वर्ण पदक के साथ हरिचरण मुखर्जी मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया।
अपने 27 साल के प्रैक्टिस के दौरान जस्टिस सारंगी कई न्यायिक निकायों के समक्ष पेश हुए और उन्हें कई मामलों में मध्यस्थ, वकील आयोग और एमिक्स क्यूरी के रूप में नियुक्त किया गया। उन्हें 20 जून, 2013 को उड़ीसा हाईकोर्ट के सरकारी जज के रूप में बेंच में पदोन्नत किया गया।
जस्टिस सारंगी ने 1,52,000 से अधिक मामलों का निपटारा किया और लगभग 1,500 रिपोर्ट किए गए फैसले सुनाए हैं।