सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के चुनाव याचिका में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ लगाए गए कुछ आरोपों को हटाने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले की पुष्टि की

Update: 2025-04-30 07:26 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें 2019 के लोकसभा चुनावों में उनके चुनाव को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका में केंद्रीय मंत्री नितिन जयराम गडकरी के खिलाफ लगाए गए कुछ आरोपों को हटा दिया गया।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ दो विशेष अनुमति याचिकाओं पर विचार कर रही थी- एक, नागपुर निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नफीस खान द्वारा दायर की गई, और दूसरी, 2019 के चुनावों में गडकरी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों द्वारा दायर की गई।

कोर्ट ने नोट किया कि 2019 के चुनावों में उनके चुनाव के बाद गडकरी का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है। वह 2024 के लोकसभा चुनावों में फिर से चुने गए। जो भी हो, पक्षकारों को सुना गया। प्रस्तुतियां सुनने के बाद न्यायालय ने हाईकोर्ट के तर्क से सहमति व्यक्त की। साथ ही कहा कि आरोपित आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।

संक्षेप में कहें तो हाईकोर्ट ने 2019 में नागपुर निर्वाचन क्षेत्र से गडकरी के लोकसभा के लिए चुनाव को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका खारिज करने से इनकार करते हुए आंशिक रूप से आदेश 6 नियम 16 ​​सीपीसी के तहत एक आवेदन की अनुमति दी थी। मंत्री के परिवार के सदस्यों द्वारा अर्जित आय और उनके स्वामित्व वाली भूमि के संबंध में याचिका के कई पैराग्राफ में उठाए गए तर्कों को खारिज कर दिया। 2019 के आम चुनावों के दौरान किए गए व्यय के बारे में भी आरोप थे।

केस टाइटल: एमडी नफीस बनाम नितिन जयराम गडकरी, एसएलपी (सी) नंबर 12480/2021 (और संबंधित मामला)

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