GST अधिकारियों पर गिरफ्तारी की धमकी देकर टैक्स वसूल करने के लगे आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- इनमें कुछ दम तो है

Update: 2025-02-27 07:05 GMT
GST अधिकारियों पर गिरफ्तारी की धमकी देकर टैक्स वसूल करने के लगे आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- इनमें कुछ दम तो है

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (27 फरवरी) को कहा कि टैक्स अधिकारियों द्वारा गिरफ्तारी की धमकी देकर करदाताओं को माल एवं सेवा कर (GST) का भुगतान करने के लिए मजबूर करने के आरोपों में कुछ दम है। कोर्ट ने यह टिप्पणी आंकड़ों के आधार पर की।

कोर्ट ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को GST का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जा रहा है तो वह उपचार के लिए रिट कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह के दबाव में शामिल अधिकारियों से विभागीय तौर पर निपटा जाना चाहिए।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ GST Act और Custom Act के तहत गिरफ्तारी की शक्तियों से संबंधित याचिकाओं के एक समूह पर फैसला सुना रही थी।

सीजेआई संजीव खन्ना ने फैसला सुनाते हुए कहा,

"हमने करों के भुगतान में बल प्रयोग और जबरदस्ती के आरोपों के संबंध में आंकड़ों के आधार पर टिप्पणी की है। हमने कहा है कि इसमें कुछ दम हो सकता है। जहां भी कोई व्यक्ति कर चुकाने के लिए तैयार है, वह रिट कोर्ट में जाकर आदेश प्राप्त कर सकता है। अधिकारियों से विभागीय तौर पर भी निपटना होगा। हमने कहा है कि इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। यह कानून के विपरीत है। हमने इस संबंध में नंदिनी सत्पथी मामले का हवाला दिया है।"

केस टाइटल: राधिका अग्रवाल बनाम भारत संघ और अन्य, डब्ल्यू.पी. (सीआरएल.) संख्या 336/2018 (और संबंधित मामले)

Tags:    

Similar News