फ्लाइट टिकट रिफंड केस : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, मामले का कुछ् समाधान निकाला गया है

Update: 2020-09-06 13:08 GMT

केंद्र ने पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि लॉकडाउन के दौरान रद्द की गई उड़ानों के हवाई टिकटों की राशि वापसी की मांग करने वाले यात्रियों के लिए एक समाधान निकाला गया है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ को सूचित किया कि अपेक्षित हितधारकों के बीच एक बैठक करवाई गई थी और कुछ समाधान तब निकला जब पूर्व में रद्द की गई उड़ानों के लिए टिकटों की पूर्ण राशि वापसी की मांग की गई और मामला लॉकडाउन के दौरान सुनवाई के लिए आया था।

अदालत ने कानून अधिकारी को उड्डयन मंत्रालय की ओर से एक सप्ताह के भीतर हलफनामे को रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता (ओं) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सीए सुंदरम ने सभी एयरलाइंस को पार्टी के रूप में पेश करने की अनुमति मांगी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमति दी गई।

यह मामला अब 9 सितंबर को आगे विचार के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

पिछली सुनवाई में 11 को न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति एमआर शाह की एक खंडपीठ ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से सभी संबंधित एयरलाइनों के साथ शामिल तौर-तरीकों पर चर्चा करने और न्यायालय को जवाब देने के लिए कहा था।

केंद्र के लिए पेश होते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को सूचित किया था कि भारत के बाहर फंसे भारतीयों को वंदे भारत योजना के तहत वापस लाया गया है, जबकि वर्तमान याचिका तब दायर की गई थी जब भारत के बाहर से यात्रा की अनुमति नहीं थी।

न्यायालय ने हस्तक्षेप किया और कहा कि फ़िलहाल मुद्दा रद्द किए गए टिकटों की वापसी के बारे में है और कोई अन्य मुद्दा नहीं। एसजी ने कहा कि उनकी निजी राय है कि टिकट का पैसा वापस किया जाना चाहिए।

स्पाइसजेट की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने अदालत को अवगत कराया कि महामारी के कारण एयरलाइंस को वैश्विक स्तर पर $ 60 बिलियन से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। आगे बताया गया कि एयरलाइंस को शून्य राजस्व के साथ उड़ान की 49 % लागत तय थी।

साल्वे ने कहा कि दुनिया में कहीं भी एयरलाइंस पूरा किराया वापस नहीं कर रहे हैं। साल्वे ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ टेबल पर बैठकर चर्चा करने के लिए एयरलाइन के इरादे से कोर्ट को अवगत कराया। रद्द किए गए टिकटों के बदले सीमित अवधि के लिए अन्य उड़ान के लिए क्रेडिट फ्लाइट टिकट देने वाली एयरलाइनों के संबंध में न्यायमूर्ति कौल ने पूछा कि इस तरह के क्रेडिट फ्लाइट टिकट को सीमित समय के लिए या किसी विशेष मार्ग तक सीमित क्यों रखा जाना चाहिए।

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