शिवसेना विवाद: शिंदे गुट को मान्यता देने के चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ उद्धव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 31 जुलाई को सुनवाई करेगा
भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के आदेश को चुनौती देने वाली शिव सेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 31 जुलाई, 2023 को सुनवाई करेगा, जिसमें एकनाथ शिंदे गुट को आधिकारिक शिव सेना के रूप में मान्यता दी गई थी।
मामले का उल्लेख सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष किया गया।
ईसीआई ने 17 फरवरी, 2023 को एकनाथ शिंदे समूह को आधिकारिक "शिवसेना" के रूप में मान्यता दी थी, जिससे उन्हें आधिकारिक "धनुष और बाण" प्रतीक और "शिवसेना" नाम का इस्तेमाल करने की अनुमति मिली थी।
महाराष्ट्र विधानसभा में आगामी उप-चुनावों के लिए उद्धव ठाकरे गुट को "शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)" नाम और "ज्वलंत मशाल" के सिंबल का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी।
ईसीआई ने कहा था कि उसने अपने फैसले पर पहुंचने के लिए सादिक अली बनाम भारत चुनाव आयोग में 1971 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में उल्लिखित परीक्षणों को लागू किया था।
जब यह मुद्दा फरवरी में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उठाया गया था, तो भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की 3-जजों की पीठ ने इस समय ईसीआई के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
हालांकि पीठ ने मामले के लंबित रहने के दौरान ईसीआई आदेश के पैराग्राफ 133 (IV) के संदर्भ में उद्धव समूह को "शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)" नाम और सिंबल "ज्वलंत मशाल" बनाए रखने की अनुमति दी।
ईसीआई ने 26 फरवरी को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा के उप-चुनावों के मद्देनजर अंतरिम व्यवस्था की अनुमति दी थी।
शिंदे समूह के वकीलों ने भी मौखिक आश्वासन दिया था कि वे अयोग्यता कार्यवाही जारी करके उद्धव समूह के खिलाफ प्रारंभिक कार्रवाई नहीं करेंगे। आदेश में अंडरटेकिंग दर्ज नहीं किया गया था।