दिल्ली हाईकोर्ट का केंद्र को निर्देश, पूर्व सांसद और विधायक के नाम बताएं जो अब भी सरकारी बंगलों में रह रहे हैं

Update: 2019-11-15 03:45 GMT

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को एक सप्ताह के भीतर सभी पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों और अन्य सरकारी अधिकारियों के नाम और पते बताते हुए एक हलफनामा दायर करने का नोटिस दिया है, जो अनधिकृत तरीके से सरकारी बंगलों पर कब्जा कर रह रहे हैं।

चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस हरि शंकर की डिवीजन बेंच ने सरकार से उन बकाया राशियों का उल्लेख करने को भी कहा है, जिन्हें सरकारी बंगलों में अनधिकृत तरीके से रहने वाले अधिकारियों से वसूल करना है।

एंटी करप्शन काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा दायर एक जनहित याचिका में अदालत के समक्ष निम्नलिखित मांगें की गई हैं।

1. सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वह पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों, और अन्य व्यक्तियों का विवरण दे जो सरकारी आवासीय परिसर पर अवैध कब्ज़ा किए हुए हैं और अब तक वहां रह रहे हैं।

2. सरकारी बंगलों और फ्लैटों की अनुपलब्धता के कारण बाहर रहने वाले सांसदों की वर्तमान आवासीय सुविधाओं पर होने वाले विस्तृत खर्च का विवरण देने के लिए सरकार को निर्देश दिए जाएं।

कार्यवाही के दौरान याचिकाकर्ता द्वारा यह प्रस्तुत किया गया कि 100 से अधिक सरकारी बंगलों पर पूर्व अधिकारियों का कब्जा है, जो अपनी सरकारी सेवा खत्म होने के कारण ऐसे परिसरों पर कब्जा करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। 

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