सीनियर एडवोकेट इकबाल छागला का निधन

Update: 2025-01-13 06:36 GMT

भारत के अग्रणी वकीलों में से एक और बॉम्बे बार एसोसिएशन (BBA) के प्रमुख सीनियर एडवोकेट इकबाल छागला का रविवार (12 जनवरी) को निधन हो गया।

बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एमसी छागला के पुत्र इकबाल अस्वस्थ थे और 86 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। वह बॉम्बे हाईकोर्ट के जज रियाज छागला के पिता थे।

इस जानकारी की पुष्टि करते हुए BBA के अध्यक्ष नितिन ठक्कर ने कहा,

"हां,छागला अब नहीं रहे। वे अस्वस्थ थे। सोमवार को वर्ली श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।"

1939 में जन्मे छागला ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से इतिहास और कानून में एमए किया। इसके बाद उन्हें बॉम्बे बार में बुलाया गया और 1970 के दशक में उन्हें सीनियर एडवोकेट का गाउन प्रदान किया गया।

1990 से 1999 तक छागला ने तीन कार्यकालों तक बीबीए के अध्यक्ष का पद संभाला।

इसके अलावा उन्होंने बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी समिति के सदस्य और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NLSA), दिल्ली के सदस्य के रूप में भी कार्य किया।

बता दें कि छागला ने बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज पद की पेशकश को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। अगर उन्होंने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया होता तो वह कुछ वर्षों के भीतर भारत के चीफ जस्टिस (CJI) बन गए होते।

1990 के दशक में जब छागला BBA का नेतृत्व कर रहे थे तब उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के पांच जज के इस्तीफे की मांग करते हुए प्रस्ताव पेश किए। कुछ न्यायाधीशों ने इस्तीफा दे दिया या उनका तबादला कर दिया गया। यह छागला ही थे, जिन्होंने 1995 में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एएम भट्टाचार्य के इस्तीफे की मांग करते हुए एक और प्रस्ताव पेश किया था।

अपनी ईमानदारी पर कड़े विरोध का सामना करते हुए पांच जजों में से कुछ ने इस्तीफा दे दिया और कुछ का तबादला कर दिया गया। साथ ही चीफ जस्टिस भट्टाचार्य, जिनकी ईमानदारी पर सवाल उठे थे ने छागला के दबाव के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

बॉम्बे बार के एक दिग्गज कानूनी विशेषज्ञ, छागला सिविल मुकदमेबाजी और कंपनी मामलों में सबसे अधिक मांग वाले वकीलों में से एक थे।

उन्होंने BBA के सदस्य के रूप में लगभग 60 वर्ष पूरे किए थे और बॉम्बे हाईकोर्ट के सबसे प्रतिष्ठित सीनियर एडवोकेट में से एक के रूप में कई हाई-प्रोफाइल मामलों में पेश हुए थे। वह अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता में भी पेश हुए और विदेशी अदालतों में कार्यवाही पर सलाह दी थी।

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