SCBA सर्च कमेटी ने हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत करने पर विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के 48 वकीलों के नाम शॉर्टलिस्ट किए
हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए योग्य और मेधावी सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की पहचान के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा गठित सर्च कमेटी ने 48 नामों को शॉर्टलिस्ट किया है।
कमेटी के विचारार्थ 69 नाम थे। पात्र उम्मीदवारों की प्रारंभिक जांच के बाद कमेटी ने नामों को अंतिम रूप देने के लिए विस्तृत चर्चा की। नौ अगस्त को अपनी अंतिम बैठक में कमेटी ने सर्वसम्मति से 48 नामों पर सहमति व्यक्त की।
वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह, एससीबीए के अध्यक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय, एससीबीए के उपाध्यक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता महालक्ष्मी पावानी, वरिष्ठ कार्यकारी सदस्य एससीबीए, वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी, शेखर नफड़े, विजय हंसरिया और वी गिरी कमेटी के सदस्य हैं।
समिति ने गुवाहाटी, मणिपुर, केरल, उत्तराखंड, दिल्ली, कलकत्ता, इलाहाबाद, पंजाब और हरियाणा, राजस्थान, मद्रास, झारखंड, बॉम्बे, पटना, तेलंगाना, कर्नाटक, उड़ीसा और जम्मू-कश्मीर के हाईकोर्ट के लिए नामों की पहचान की है।
एससीबीए की मांग पर विवाद
न्यायमूर्ति नरीमन के विदाई समारोह में गुरुवार को बोलते हुए एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह ने उल्लेख किया था कि सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत करने का प्रस्ताव एक "परेशानी भरा मुद्दा" है।
वरिष्ठ वकील विकास सिंह का बयान सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आठ जून को एक प्रेस नोट के माध्यम से दावा किए जाने के बाद आया है कि सीजेआई सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत करने पर विचार करने के उसके अनुरोध पर विचार करने के लिए सहमत हो गए हैं।
बाद में SCBA की कार्यकारी समिति ने योग्य और मेधावी सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की पहचान करके पदोन्नति की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए एक "सर्च कमेटी" का गठन किया था।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की पदोन्नति के लिए किए गए प्रस्ताव का दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, कलकत्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, आदि सहित विभिन्न हाईकोर्ट बार एसोसिएशनों ने विरोध किया था।
एससीबीए को छोड़कर यह कथन कि सुप्रीम कोर्ट के वकील हाईकोर्ट में अपने समकक्षों की तुलना में "अधिक मेधावी" हैं, इस संबंध में विभिन्न हाईकोर्ट अधिवक्ता संघों ने सीजेआई को लिखा था।
उन्होंने यह कहते हुए एक सर्च कमेटी गठित करने के एससीबीए के कदम का भी विरोध किया कि संबंधित हाईकोर्ट में पदोन्नति के लिए नामों पर विचार करना हाईकोर्ट के कॉलेजियम का एकमात्र विशेषाधिकार है।
विरोध के बाद SCBA ने एक स्पष्टीकरण दिया कि सीजेआई को उनके पत्र का उद्देश्य केवल सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के लिए समान अवसर प्राप्त करना है, न कि हाईकोर्ट के वकीलों को नीचा दिखाना।