सुप्रीम कोर्ट ने फेक न्यूज़ पर अंकुश लगाने के निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका खारिज करने के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से नकली समाचारों (Fake News) के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने की मांग करने वाली एक रिट याचिका को खारिज करने के अपने आदेश पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया।
2019 में एक वकील, अनुजा कपूर द्वारा एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव के मद्देनजर नकली समाचारों और गलत सूचनाओं से भरे मीडिया को उजागर किया गया था, जिनमें विभिन्न प्लेटफार्मों पर पिछले एयर-शो के वीडियो और लड़ाकू जेट के दुर्घटनाग्रस्त होने की तस्वीरें नवीनतम बताई गई थीं।
याचिका में कानून और न्याय, सूचना और प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के केंद्रीय मंत्रालयों को निर्देश देने की मांग की गई थी, ताकि फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया जा सके। उन्होंने कहा कि फर्जी खबरों के प्रसार से मॉब लिंचिंग, सांप्रदायिक दंगों की घटनाएं बढ़ रही हैं और कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो रही है।
अप्रैल 2019 में, कोर्ट ने रिट याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद, एडवोकेट अनुजा ने इस आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
सीजेआई एसए बोबडे, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने पिछले महीने इस पर आदेश पारित करते हुए कहा कि पुनर्विचार याचिका पर विचार करने के लिए हमें कोई आधार नहीं मिला।
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