सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के दोषी को कैंसर के इलाज के लिए अंतरिम ज़मानत दी

Update: 2020-03-29 04:00 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हत्या के दोषी को पैनक्रिएटिक कैंसर के आवश्यक इलाज के लिए अंतरिम ज़मानत दी।

दोषी तुलसी राम यादव को हत्या के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले साल आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस सजा के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील लंबित है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने दोषी को इलाज कराने के आधार पर जमानत दी है।

आवेदक पैनक्रिएटिक कार्सिनोमा से पीड़ित है। ज़मानत आवेदन में कहा गया कि आवेदक को इलाज के लिए इलाहाबाद के स्वरूप रानी अस्पताल द्वारा संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPIMS), लखनऊ में भेजा गया था।

आवेदक की ओर से पेश वकील ने प्रस्तुत किया कि आवेदक वर्तमान में SGPIMS, लखनऊ में उपचार कर रहा है। हालांकि, मौजूदा स्थिति में सर्जरी की कोई विशेष तिथि पर निर्धारित नहीं की गई है।

अदालत ने उसकी अंतरिम ज़मानत की अवधि को आज की तारीख से 6 सप्ताह के लिए और बढ़ाया है, जिसके समाप्त होने पर यादव को पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना था।

पीठ ने कहा,

"हमें यह निर्देश देने के लिए उचित लगता है कि आवेदक को छह सप्ताह की अवधि के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए ताकि उसे चिकित्सा उपचार को आगे बढ़ाने में सक्षम किया जा सके, जो कि पैनक्रिएटिक कैंसर से जूझ रहा है।

आवेदक आज से छह सप्ताह की अवधि की समाप्ति पर तुरंत आत्मसमर्पण करेगा। इस बीच, आवेदक हर सप्ताह निकटतम पुलिस स्टेशन को अपने बारे में सूचित करेगा। हम इस आदेश को वर्तमान स्थिति और ऊपर उल्लेखित तथ्यों के आधार पर पारित कर रहे हैं।"

कोर्ट ने यह सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की।




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