सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश दिया कि बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के खिलाफ फिल्म 'लवयात्री' को लेकर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने की शिकायत पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी।
शुक्रवार को न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने 27 सितंबर, 2018 के अंतरिम आदेश को अंतिम रूप दे दिया जिसमें बॉलीवुड फिल्म 'लवरात्रि' के निर्माता सलमान खान के खिलाफ देश के किसी भी हिस्से में कोई कोई भी कार्रवाई ना करने का निर्देश दिया था। पीठ ने ये भी कहा था कि इस संबंध में कहीं भी कोई FIR दर्ज नहीं होगी और गुजरात में दर्ज FIR पर कार्रवाई जारी रखने पर भी रोक लगा दी गई थी।
दरअसल पिछले साल शीर्ष अदालत ने निर्माता की याचिका पर अंतरिम फैसला दिया था और कहा था कि फिल्म के नाम से संबंधित शिकायतों पर निर्माता के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी।
पिछले साल देश के अलग-अलग हिस्सों में उनके खिलाफ कुछ निजी आपराधिक शिकायतें दर्ज होने के बाद खान ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। शिकायत में आरोप लगाया था कि उसके नाम से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
सलमान खान के बहनोई आयुष शर्मा और अभिनेत्री वरीना हुसैन अभिनीत फिल्म को पहले 'लवरात्रि' का नाम दिया गया था।
लेकिन इसके खिलाफ शिकायतें दर्ज की गईं कि ये नाम हिंदुओं के नवरात्रि त्योहार से मिलता जुलता है और ये धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला है। बाद में निर्माताओं द्वारा इसका नाम 'लवरात्रि' के तौर पर रख दिया था।