BS-IV वाहनोंं के पंंजीकरण और बिक्री की अनुमति नहींं : सुप्रीम कोर्ट (पढ़िए आदेश)

Update: 2020-06-16 09:23 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि बीएस- IV वाहनों के पंजीकरण और बिक्री की अनुमति नहीं है। अदालत ने 27 मार्च को कहा था कि लॉकडाउन के कारण छह दिनों के हुए नुकसान को देखते हुए 10 प्रतिशत अनसोल्ड बीएस-IV वाहनों को बेचने की अनुमति है।

लॉकडाउन 25 मार्च को लागू किया गया था।

जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पीठ ने इस मामले पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सोमवार को सुनवाई की। पीठ ने कहा कि 03.05.2020 को लॉकडाउन उठने के बाद भी 27 मार्च के अदालत के आदेश के अनुसार पूरे भारत में जितने वाहन बेचे गए, उनका पंजीकरण अदालत को बताए बिना बनाया जा सकता।

पीठ ने कहा,

" ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तरदाताओं को ज्ञात कारणों के लिए इस आदेश का दुरुपयोग किया जा रहा है और उन्होंने इस न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में हलफनामा दायर नहीं किया है।

जिन 10% वाहनों को बेचा जाना था उनका पंजीकरण इस न्यायालय की अनुमति के बिना और इस न्यायालय द्वारा पूर्वोक्त आदेश में दिए गए विवरण के बिना नहीं किया जा सकता। इंजन और चेसिस नंबरों को भी सुसज्जित करने और बिक्री की तारीख का भी होना आवश्यक था। यह इस न्यायालय द्वारा पारित आदेश के कम से कम दूसरे भाग का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है।" 

अदालत ने कहा कि जब 31.03.2020 की समयसीमा को देखते हुए BSVI वाहनों का निर्माण एडवांस में किया जाएगा तो यह BS IV वाहनों से होने वाले प्रदूषण के कारण मानव स्वास्थ्य पर अधिक हानिकारक प्रभाव डालेगा।

न्यायालय ने एएसजी को पूरे भारत में सभी आरटीओ से विवरण इकट्ठा करने और यह जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया कि लॉकडाउन उठने के बाद BS IV श्रेणी के कितने वाहन बेचे और पंजीकृत किए गए हैं। मामला अब 19 जून 2020 को पोस्ट किया गया है।

27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फेडरेशन ऑफ़ ओटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन ( FADA) की याचिका पर कहा था कि लॉकडाउन खत्म होने पर दस दिनों के भीतर BS-IV वाहनों के बचे हुए स्टॉक में से 10 फीसदी बेचे जा सकते हैं और ये वाहन दस दिनों के भीतर ही पंजीकृत किए जाएंगे। पीठ ने साफ कहा था कि ये वाहन दिल्ली- NCR में नहीं बेचे जाएंगे। 

आदेश की प्रति डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



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