'यह आरबीआई को तय करना है': सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल मनी लेंडिंग प्लेटफॉर्म के नियमन की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया

Update: 2022-10-20 08:19 GMT

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने डिजिटल मनी लेंडिंग प्लेटफॉर्म को विनियमित करने के लिए कदम उठाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और हेमा कोहली की पीठ ने याचिकाकर्ता को आरबीआई के समक्ष एक प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देते हुए कहा कि यह आरबीआई को तय करना है।

शंकर नागेश मुतकिरी ने अपनी याचिका में, डिजिटल साहूकारों पर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने और उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए और डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म के साथ भाग ले रहे बैंकों / एनबीएफसी के लिए दिशा-निर्देश देने की भी मांग की गई थी।

कोर्ट ने कहा कि ये मुद्दे पॉलिसी डोमेन से संबंधित हैं।

अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा,

" हम याचिकाकर्ता को आरबीआई के समक्ष एक प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देते हैं। यह आरबीआई को तय करना है। अगर हां है, तो क्या कार्रवाई आवश्यक है।"

केस टाइटल: शंकर नागेश मुतकिरी बनाम भारतीय रिजर्व बैंक | डब्ल्यूपी (सी) 97/2022

आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:




Tags:    

Similar News