राजस्थान हाईकोर्ट ने रचा इतिहास, इस तरह पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का यह अभूतपूर्व कदम डिवीजन बेंच द्वारा सोमवार को जोधपुर में पक्षकारों के पेश होने में असमर्थता के कारण लिया गया था। इस तरह बन गया इतिहास|

Update: 2019-08-06 06:59 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट ने न्यायपालिका के सोमवार का दिन बहुत खास रहा और न्यायपालिका के लिए वह क्षण ऐतिहासिक साबित हुआ जब राजस्थान हाईकोर्ट में पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सुनवाई की गई।

सीजे एस रविन्द्र भट्ट और जस्टिस वीनित माथुर ने जोधपुर मुख्यपीठ के सीजे कोर्ट रूम में बैठकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गुर्जर आरक्षण से जुड़े केस की सुनवाई की। इस केस में याचिकाकर्ता की ओर से जयपुर पीठ के सीजे कोर्ट में राज्य के महाधिवक्ता एमएस सिंघवी और अधिवक्ता डॉ अभिनव शर्मा ने पैरवी की।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जोधपुर मुख्यपीठ के सीजे कोर्ट रूम में रहे और इस केस के पक्षकार और उनके प्रतिनिधि जयपुर कोर्ट में उपस्थित रहे। इस मामले की कार्यवाही शुरू में केवल जयपुर खंडपीठ में हो रही थी, लेकिन बाद में जोधपुर में मुख्य पीठ में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां तीन सुनवाई हुई। हालांकि, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का यह अभूतपूर्व कदम डिवीजन बेंच द्वारा सोमवार को जोधपुर में पक्षकारों के पेश होने में असमर्थता के कारण लिया गया था।

इस तरह वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए गुर्जर आरक्षण केस की सुनवाई में राजस्थान हाईकोर्ट का नाम दर्ज हो गया। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से सुनवाई की शुरूआत करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम एक नये अध्याय की शुरूआत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह समय की बचत होगी और पक्षकारों को जल्दी न्याय दिलाने में यह मदद करेगा।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई लगभग एक घंटे चली। भविष्य में भी इस केस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई होगी, जो अधिक समय तक चल सकती है।   

 

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