पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी: सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी मामले में भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) की गिरफ्तारी की मांग वाली एख वकील की याचिका पर विचार करने से इनकार किया।
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस यू.यू. ललित, जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने की।
जब पीठ ने गिरफ्तारी की मांग करने वाले अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार करने के लिए अनिच्छा व्यक्त की, तो याचिकाकर्ता के वकील ने वैकल्पिक प्रार्थना पर प्रकाश डाला, जो मॉब लिंचिंग के संबंध में तहसीन पोन्नावाला फैसले में निर्देशों को लागू करने की मांग करता है।
सीजेआई ललित ने कहा,
"यह सरल और अहानिकर लग सकता है लेकिन इसके दूरगामी परिणाम हैं। अदालत को निर्देश जारी करते समय चौकस रहना चाहिए। हम आपको याचिका वापस लेने का सुझाव देते हैं।"
तदनुसार, मामले को वापस ले लिया गया और इस तरह याचिका खारिज कर दी गई।
एडवोकेट अबू सोहेल द्वारा एडवोकेट चंद कुरैशी के माध्यम से दायर याचिका में घटना की 'स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच' के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 26 मई को "टाइम्स नाउ" द्वारा प्रसारित चैनल डिबेट में पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर देश के विभिन्न जगहों पर (और भविष्य में दर्ज की जा सकने वाली) नुपुर शर्मा के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआऱ दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था।
केस टाइटल: अबू सोहेल बनाम नुपुर शर्मा| डायरी नंबर 18477 ऑफ 2022